US Tariffs : रूस को अलग-थलग करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई रणनीति बनाई है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि रूस और इरान के साथ व्यापारिक संबंध रखने वाले देशों को बहुत कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि रिपब्लिकन रूस के साथ व्यापार करने वाले किसी भी देश पर बहुत कठोर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित कर रहे हैं”, उनका कहना है कि “वे इसमें ईरान को भी जोड़ सकते हैं.”
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले ही ट्रंप प्रशासन दुनिया के कुछ देशों में सबसे कड़े टैरिफ लगा चुका है, इसके साथ ही भारत पर भी 50 प्रतिशत शुल्क और रूसी ऊर्जा की खरीद पर 25 प्रतिशत टैरिफ शामिल है. बता दें कि अमेरिकी सीनेटर इससे भी कड़े प्रतिबंधों की मांग कर रहे हैं. ऐसे में सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश किए गए एक बिल में रूस से तेल की द्वितीयक खरीद और पुनर्विक्रय पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है, जिसे सीनेट की विदेश संबंध समिति में समर्थन प्राप्त है.
सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल पेश किया रूस प्रतिबंध अधिनियम
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राहम और सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने 2025 का रूस प्रतिबंध अधिनियम भी पेश किया है, बता दें कि इस अधिनियम के तहत उन देशों पर दोबारा टैरिफ लगाए जाएंगे जो यूक्रेन में पुतिन के बर्बर युद्ध को वित्तपोषित करना जारी रखते हैं”.
यूक्रेन युद्ध को रोकने की मुख्य वजह
मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि इस कानून को 85 सीनेटरों का समर्थन प्राप्त है. ऐसे में जुलाई में एक बयान करते हुए कहा कि सीनेटरों ने कहा कि “राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम ने एक शक्तिशाली कदम उठाया है, उन्होंने ये भी कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए एक नया दृष्टिकोण लागू किया है… फिलहाल इस युद्ध को खत्म करने के लिए अंतिम हथौड़ा चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों के खिलाफ टैरिफ होगा, जो सस्ते रूसी तेल और गैस खरीदकर पुतिन की युद्ध मशीन का समर्थन करते हैं.”
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