US Visa Rules: भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकी कानूनों या आव्रजन नियमों के उल्लंघन को लेकर सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि यदि किसी के द्वारा अमेरिकी कानूनों या आव्रजन नियमों का उल्लंघन करने वाले वीज़ा धारकों को निर्वासित किया जाएगा. अमेरिकी दूतावास का ये ऐलान हाल ही में ट्रंप प्रशासन की ओर से लागू किए गए कड़े आव्रजन प्रवर्तन उपायों को और पुख्ता करता है.
वीज़ा जारी होने के बाद होती है जांच
दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जारी एक बयान में कहा कि “वीज़ा जारी होने के बाद अमेरिकी वीज़ा जांच बंद नहीं होती.” यानी संबंधित अधिकारियों द्वारा वीज़ा धारकों की निरंतर जांच होती रहती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सभी अमेरिकी कानूनों और आव्रजन नियमों का पालन कर रहे हैं और यदि वो ऐसा नहीं करते है, तो उनका वीजा रद्द किया जा सकता है, जिसके बाद उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा.
अमेरिकी दूतावास की यह चेतावनी हाल ही में एफ, एम और जे गैर-आप्रवासी वीज़ा (आमतौर पर छात्रों और एक्सचेंज आगंतुकों को जारी किए जाने वाले वीज़ा) के आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करने की सलाह दिए जाने के कुछ दिनों बाद आई है, जिससे आव्रजन अधिकारियों द्वारा उनकी जांच की जा सके.
U.S. visa screening does not stop after a visa is issued. We continuously check visa holders to ensure they follow all U.S. laws and immigration rules – and we will revoke their visas and deport them if they don’t. pic.twitter.com/jV1o6ETRg4
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) July 12, 2025
इस मामले में घोषित किया जा सकता है अयोग्य
हालांकि उन्होंने ये भी चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया गतिविधि के बारे में गलत जानकारी देने या छिपाने पर वीज़ा अस्वीकार किया जा सकता है यहां तक कि स्थायी रूप से अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है. दरअसल, हाल ही में जारी किए गए एक बयान अमेरिकी दूतावास ने कहा कि अमेरिकी वीज़ा “एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं” और आवेदकों को याद दिलाया कि हर वीज़ा निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक फ़ैसला होता है.
व्यक्ति की पहचान और स्वीकार्यता के लिए जांच आवश्यक
बता दें कि साल 2019 से अमेरिकी वीज़ा आवेदकों को पिछले पांच वर्षों में इस्तेमाल किए गए सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के लिए पहचानकर्ता प्रदान करना अनिवार्य कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी कानून के तहत किसी व्यक्ति की पहचान और स्वीकार्यता स्थापित करने के लिए यह जांच ज़रूरी है.