US vs China: अमेरिका और चीन चल रहे टैरिफ वार के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, हाल ही में अमेरिका द्वारा चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने और कंप्यूटर चिप निर्यात नियंत्रण निर्देश जारी किया गया है, जिसपर चीन ने नाराजगी जाहिर की है. चीन का कहना है कि अमेरिका नए आर्थिक और व्यापारिक तनाव को भड़का रहा है. साथ ही उसने यह आरोप भी लगाया है कि अमेरिका ने उसके हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कदम उठाए हैं.
दरअसल, चीन ने वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि ट्रंप के फैसले पिछले महीने जेनेवा में व्यापार चर्चाओं के दौरान बनी आम सहमति का उल्लंघन हैं. मंत्रालय ने चीन और अमेरिका के संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि चीन ने समझौते के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी टैरिफ के विरुद्ध टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों को रद्द या निलंबित करते हुए समझौते पर अपनी प्रतिबद्धता बरकरार रखी है. जबकि अमेरिका ने एकतरफा ढंग से नए आर्थिक और व्यापारिक तनाव को भड़काया है.
चीन अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम
उन्होंने कहा कि चीन के इस फैसले से द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में अनिश्चितता और अस्थिरता बढ़ गई है. जबकि चीन अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम है. इसके साथ ही बदला लेने की धमकी देते हुए चीन ने कहा कि वो अपने हितों की रक्षा के लिए दृढ़ और सशक्त कदम उठाना जारी रखेगा. अमेरिका ने खुद पर विचार करने के बजाय स्थिति को पलट दिया है. उसने अनुचित रूप से चीन पर आम सहमति का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जो सरासर गलत है.
ट्रंप के बयान के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ा विवाद
बता दें कि दोनों देशों के बीच यह विवाद अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के बाद बढ़ा है. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि ‘बुरी खबर यह है कि चीन ने हमारे साथ अपने समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है, जो कुछ लोगों के लिए चौंकाने वाली बात नहीं है. अब ‘मिस्टर नाइस गाइ’ बनने की जरूरत नहीं है.’ इसके अलावा, ओवल ऑफिस में ट्रंप ने ये भी कहा कि वो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करेंगे और कोशिश करेंगे, ताकि इसका कोई सामाधान निकल सकें.
अमेरिका ने चीन के खिलाफ उठाए ये कदम
बताते चले कि अमेरिका ने हाल ही में घोषणा किया था कि वह देश में पढ़ने वाले चीनी छात्रों के वीजा रद्द करना शुरू कर देगा. इसके अलावा चीन की कंप्यूटर चिप्स तक पहुंच को भी अमेरिका रोकना चाहता है. वहीं, टैरिफ की बात करें तो दोनों देशों के बीच हाल ही में जिनेवा में हुई एक बैठक के बाद चीन और अमेरिका ने एक दूसरे पर लगाए टैरिफ को 90 दिनों के लिए घटा दिया था.
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