Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बडा झटका लगा है. उनकी तरफ से नाबालिग प्रवासियों को वयस्क हिरासत केंद्रों में भेजने पर रोक लगा दी गई है. ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. इस बीच अमेरिकी जिला जज रूडोल्फ कॉन्ट्रेरास ने नाबालिग प्रवासियों को वयस्क हिरासत केंद्रों में भेजने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि ट्रंप सरकार की नई नीति उनके (जिला जज रूडोल्फ कॉन्ट्रेरास) द्वारा 2021 में जारी किए गए एक आदेश का उल्लंघन करती है.
18 साल की आयु पूरी होने के बाद ही आईसीई हिरासत केंद्र में भेजा जाए
2021 में जिला जज की तरफ से अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन को निर्देश दिया गया था कि 18 साल की आयु पूरी होने के बाद ही किसी भी प्रवासी को आईसीई हिरासत केंद्र में भेजा जाए. नाबालिग प्रवासियों को आईसीई हिरासत केंद्रों में नहीं रखा जाता है, बल्कि उन्हें अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग द्वारा संचालित केंद्रों में रखा जाता है. कई आव्रजन अधिकार समूहों ने इस याचिका में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद कोर्ट का ये आदेश सामने आया.
अब किशोर प्रवासियों को स्वेच्छा से अमेरिका छोड़ने के लिए 2,500 डॉलर
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप सरकार अब किशोर प्रवासियों को स्वेच्छा से अमेरिका छोड़ने के लिए 2,500 डॉलर दे रही है. पिछले महीने एक अन्य जज ने ट्रंप सरकार को ग्वाटेमाला के नाबालिगों को उनके देश वापस भेजने से रोक दिया था. अमेरिकी सरकार ने दावा किया था कि इन नाबालिगों को उनके माता-पिता से मिलवाया जाएगा. हालांकि बाद में सरकार अपने दावे को साबित नहीं कर पाई. जिसके बाद कोर्ट ने नाबालिगों को उनके देश वापस भेजने पर रोक लगा दी.
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेना बड़ा मुद्दा बना
कोर्ट की तरफ से यह कहा गया कि ट्रंप सरकार यह साबित नहीं कर पाई कि उन नाबालिगों के माता-पिता उन्हें वापस अपने पास चाहते हैं. अमेरिका में अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेना इस समय बड़ा मुद्दा बना हुआ है. इसे लेकर शिकागो में इन दिनों काफी बवाल भी मचा हुआ है. अमेरिकी सरकार ने शिकागो में 300 के करीब गार्ड्समैन तैनात करने का फैसला लिया है.
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