New Delhi: भारत, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने दूतावास को खोलेगा. अफगानिस्तान के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करते हुए दूतावास शुरू करने का ऐलान किया है. भारत ने तालिबान शासित अफगानिस्तान के साथ संबंधों में एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित करते हुए काबुल में अपने मिशन को पूर्ण दूतावास का दर्जा देगा. आमिर खान मुताकी अफगानिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं जो तालिबान शासन में नई दिल्ली आए हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अफगान समकक्ष मुत्ताकी से की मुलाकात
मुताकी से बातचीत के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने काबुल में दूतावास खोलने की बात कही है. तालिबान शासन को लेकर भारत सरकार की ओर से यह बड़ा फैसला लिया गया है. शुक्रवार सुबह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अफगान समकक्ष आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा अफगानिस्तान का साथ दिया है. अफगान हमारे लिए काफी अहम है. अफगान ने हाल ही में आतंक के खिलाफ लड़ाई में हमारा साथ दिया. पहलगाम हमले की निंदा की.
बंद कर दिए गए थे छोटे शहरों में स्थित वाणिज्य दूतावास कार्यालय
चार साल पहले तालिबान और तत्कालीन अफगान सरकार के बीच लड़ाई के बीच काबुल स्थित दूतावास का दर्जा कम कर दिया गया था. इसके साथ ही छोटे शहरों में स्थित वाणिज्य दूतावास कार्यालय बंद कर दिए गए थे. इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अफगान समकक्ष आमिर खान मुत्ताकी से कहा कि अफगानिस्तान के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल कर दिए गए हैं. भारत और काबुल स्थित अपने तकनीकी मिशन को पूर्ण दूतावास का दर्जा देगा.
कर्मचारियों को वापस भारत लाने के लिए किए सैन्य विमान तैनात
अफगानिस्तान में हिंसा के बाद भारत सरकार ने दूतावास के कर्मचारियों को वापस भारत लाने के लिए सैन्य विमान तैनात किए. 15 अगस्त के अंत और 16 अगस्त की शुरुआत में दो सी-17 परिवहन विमानों ने उड़ान भरी. हालांकि भारत ने इस हिंसा के 1 महीने बाद काबुल में फिर राजनयिक उपस्थिति शुरू कर दी थी. इस दौरान तालिबान अधिकारियों ने कहा था कि भारत अगर अफगान की राजधानी में अपने अधिकारियों को वापस भेजती है तो पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी. वहीं अब अफगानिस्तान के साथ संबंधों में काफी सुधार हुआ है.
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