Mudde Ki Parakh: अयोध्या में पीएम का ऐतिहासिक संबोधन: भारत और इसकी सभ्यता के लिए एक नया युग

Upendrra Rai
Upendrra Rai
Chairman & Managing Director, Editor-in-Chief, The Printlines | Bharat Express News Network
Must Read
Upendrra Rai
Upendrra Rai
Chairman & Managing Director, Editor-in-Chief, The Printlines | Bharat Express News Network

Mudde Ki Parakh: 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन भारत के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। पीएम ने इस घटना को भारतीय सभ्यता के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत बताया, जहां देश गुलामी की जंजीरों और तुष्टीकरण की मानसिकता से मुक्त हो गया। उन्होंने एक आधुनिक, समावेशी और समृद्ध राष्ट्र के रूप में भारत के अपने दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया, जहां प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और आत्म-सम्मान प्राप्त है। पीएम का संबोधन न केवल लंबे समय से प्रतीक्षित राम मंदिर निर्माण का उत्सव था, बल्कि उनकी राजनीतिक विचारधारा और दर्शन का प्रतिबिंब भी था।

उन्होंने भगवान राम के आदर्शों का आह्वान किया, जो धार्मिकता, न्याय और करुणा के प्रतीक के रूप में पूजनीय हैं और कहा कि उनका जीवन और शिक्षाएं हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर भारत के दर्शन और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है और यह देश की एकता और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। पीएम ने सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि मंदिर का निर्माण कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार किया गया था। उन्होंने भारतीय समाज की परिपक्वता और बुद्धिमत्ता की सराहना की, जिसने दशकों पुराने विवाद को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया। उन्होंने कहा कि मंदिर न केवल एक पूजा स्थल है, बल्कि एक सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र भी है, जहां भारत के मूल्यों और परंपराओं का प्रचार किया जाएगा।

Upendra Rai Articles

पीएम के संबोधन में कही गई अन्य महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार थीं

प्रधानमंत्री ने भक्ति, मित्रता, त्याग और सेवा के मूल्यों को दर्शाने के लिए शबरी, निषाद राजा गुह, जटायु और गिलहरी जैसे रामायण के कई पात्रों और प्रसंगों का उल्लेख किया, जिन्हें भगवान राम ने अपनाया और प्रेरित किया। उन्होंने मंदिर परिसर में पौराणिक पक्षी जटायु की एक मूर्ति का भी अनावरण किया, जिसने सीता को रावण से बचाने की कोशिश की थी। पीएम ने राम मंदिर के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले विभिन्न संतों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विवाद के शांतिपूर्ण समाधान में न्यायपालिका, सरकार और नागरिक समाज की भूमिका को भी स्वीकार किया।

मंदिर होगा भगवान श्रीराम के जीवन और शिक्षाओं पर अनुसंधान का केंद्र

पीएम ने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए मंदिर के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह भगवान राम के जीवन और शिक्षाओं पर अनुसंधान का केंद्र होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह मंदिर भारत की प्राचीन कला, वास्तुकला और शिल्प कौशल का प्रदर्शन करेगा। पीएम ने मंदिर को ‘न्यू इंडिया’ के अपने दृष्टिकोण से जोड़ा, जो आत्मनिर्भरता, समावेशिता और सशक्तिकरण के सिद्धांतों पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि यह मंदिर देश को गरीबों, किसानों, महिलाओं, युवाओं और समाज के वंचित वर्गों के कल्याण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करेगा। पीएम ने एक जिम्मेदार और प्रभावशाली वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत की भूमिका पर भी जोर दिया और कहा कि मंदिर दुनिया को शांति, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देगा। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के आदर्शों और मानवता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

Upendra Rai Articles

Latest News

India China Relation: विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान से घबराया चीन, भारत पर लगाए गंभीर आरोप

India China relation: भारत-चीन के संबंधों में हमेशा तनातनी का माहौल देखने को मिलता है. इसी बीच एक बार...

More Articles Like This