अक्टूबर में बढ़ा भारत का इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन, रिकॉर्ड 6,115 करोड़ रुपये पहुंचा

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, त्योहारी महीने के दौरान भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई. आर्थिक गतिविधियों में तेजी के कारण इस साल अक्टूबर माह में देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (Electronic Toll Collection) बढ़कर रिकॉर्ड 6,114.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

अक्टूबर में बंपर कलेक्शन

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में इलेक्ट्रॉनिक टोल डेटा का कलेक्शन शुरू होने के बाद से यह किसी महीने में अब तक का सबसे अधिक कलेक्शन है और पिछले छह माह के मासिक औसत 5,681.46 करोड़ रुपये से 7.6% की वृद्धि दर्शाता है. इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में देश में कुल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन 34,088.77 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 31,026.64 करोड़ रुपये से 9.8% अधिक है.

टोल कलेक्शन में वृद्धि को देश भर में माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल जनरेशन पर वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) के आंकड़ों से भी समर्थन मिला है, जो अक्टूबर के दौरान 11.7 करोड़ के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. ई-वे बिलों में वृद्धि आर्थिक गतिविधि में वृद्धि को दर्शाती है.

क्योंकि, त्योहारी सीजन के दौरान अर्थव्यवस्था में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आती है. ई-वे बिलों में वृद्धि का तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था पर पड़ता है और राजस्व भी बढ़ता है. इससे सरकार के हाथ में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर निवेश करने और गरीबों का उत्थान करने संबंधी संसाधन उपलब्ध होते हैं.

अक्टूबर में भारत का माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2017 में GST प्रणाली लागू होने के बाद से दूसरा सबसे अधिक मासिक राजस्व है. यह आंकड़ा पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 8.9 फीसद की वृद्धि दर्शाता है और सितंबर में 1.73 लाख करोड़ रुपये के संग्रह के शीर्ष पर है, जो साल-दर-साल 6.5% बढ़ा था.

ये आंकड़े इस सप्ताह की शुरुआत में जारी HSBC सर्वेक्षण के अनुरूप भी हैं, जिसमें दिखाया गया है कि अक्टूबर में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में तेजी आई, जो कुल नए ऑर्डर और अंतर्राष्ट्रीय बिक्री में तेजी से वृद्धि के कारण महीने के दौरान अधिक नौकरियों के सृजन के कारण हुई. भारतीय वस्तुओं की मजबूत मांग से प्रदर्शन में तेजी आई.
कंपनियों ने ऑर्डर बुक वॉल्यूम में तेज वृद्धि दर्ज की, जो करीब 20 वर्षों के डेटा संग्रह में देखी गई औसत से अधिक मजबूत थी.सरिपोर्ट में कहा गया है कि नए उत्पादों की शुरुआत और सफल मार्केटिंग पहलों ने बिक्री प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद की.

HSBC के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा “भारत की सेवा पीएमआई सितंबर में अपने दस महीने के निचले स्तर से उबरकर पिछले महीने 58.5 पर पहुंच गई. अक्टूबर के दौरान, भारतीय सेवा क्षेत्र ने उत्पादन और उपभोक्ता मांग के साथ-साथ रोजगार सृजन में मजबूत विस्तार का अनुभव किया, जिसने 26 महीने का उच्चतम स्तर हासिल किया.”

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