सिद्धिविनायक मंदिर में लागू हुआ ड्रेस कोड, बोले सुरेंद्रनाथ अवधूत- ‘इससे भारतीय पारंपरिक परिधान को मिलेगा बढ़ावा’

Shivam
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मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) में नया ड्रेस कोड लागू हो गया है. इसको लेकर कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा कि इससे भारतीय पारंपरिक परिधान को बढ़ावा मिलेगा. उन्‍होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान बताया कि महाराष्ट्र के सिद्धिविनायक मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया गया है. मंदिर में छोटे और कटे-फटे कपड़े, जिनमें नग्नता दिखाई देती हो, ऐसे कपड़े पहनकर आने वाले लोगों को मंदिर में प्रवेश देने से वर्जित किया गया है. यह निर्णय स्वागत योग्य है.

आस्था का विषय है मंदिर: सुरेंद्रनाथ अवधूत

सुरेंद्रनाथ अवधूत ने आगे बताया, मंदिर आस्था का विषय है, यह प्रदर्शन करने के बजाय आस्था की अभिव्यक्ति को प्रकट करने का स्थान है. इन जगहों पर शालीन वस्त्रों में न आना ठीक नहीं लगता, इसलिए अच्छी बात होगी कि मंदिर में लोग शालीन वस्त्र पहनकर आएं. यदि आवश्यकता हुई तो, मंदिर के अंदर भी हम भक्तों से निवेदन करेंगे कि वे मंदिर में जब आएं, तो शालीन परिधान धारण करके आएं, जिससे मन पर बहुत ही अनुकूल प्रभाव पड़ता है.

बता दें, मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में 30 जनवरी से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है. इस नई व्यवस्था के तहत, स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रेस पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा.

गणेश भक्तों के आस्था का प्रमुख केंद्र है सिद्धिविनायक मंदिर:आचार्य पवन त्रिपाठी

इस विषय पर सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी (Acharya Pawan Tripathi) ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा था कि सिद्धिविनायक मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के सनातनी और गणेश भक्तों के आस्था का एक प्रमुख केंद्र है. यहां पर लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के जीवन की मनोरथ पूरी होती है. लेकिन, जब लोग किसी पवित्र स्थल पर जाते हैं, तो वहां कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि उस स्थान की पवित्रता बनी रहे.

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