Earth Minimoon: भले ही आज के समय में टेक्नोलॉजी काफी एडवॉस हो चुकी है, लेकिन आज भी हमारे ब्राह्मांड में कुछ ऐसे रहस्य है, जो अभी अनसुलझे है और इन्हीं रहस्यों को सुलझाने में वैज्ञनिक जुटें हुए है. इसी बीच दक्षिण अफ्रीका के एस्ट्रोनॉमर ने अगस्त 2024 में एक छोटा-सा चट्टानी टुकड़ा खोजा, जो पृथ्वी के पास बहुत धीमी गति से घूम रहा था.
ये कोई साधारण उल्कापिण्ड नहीं
वैज्ञानिकों ने इस चट्टानी टुकड़े को 2024 PT5 नाम दिया है. इसकी स्पीड मात्र 7.24 किमी/घंटा (लगभग 2 मीटर प्रति सेकंड) थी, जो खगोलीय दृष्टि से असाधारण है. वैज्ञानिको का मानना है कि ये कोई साधारण उल्कापिण्ड नहीं है, बल्कि इसकी संरचना चंद्रमा से लाए गए पत्थरों से मेल खाती है, विशेष रूप से अपोलो और लूना मिशनों में एकत्र किए गए नमूनों से.
एक अस्थायी प्राकृतिक उपग्रह मिनीमून
ऐसे में उन्होंने यह अनुमान लगाया है कि 2024 PT5 पृथ्वी के पास ‘मिनीमून’ बनकर घूम रहा है. दरअसल, मिनीमून एक अस्थायी प्राकृतिक उपग्रह होता है, जो कुछ समय के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फंस जाता है और पृथ्वी की कक्षा में घूमता है. वहीं, कुछ वर्षो या महीनों बाद से फिर से अंतरिक्ष की अपनी पुरानी कक्षा में लौट जाते हैं.
किसी बड़े टकराव से निकला 2024 PT5
2024 PT5 को सितंबर 2024 में मिनीमून घोषित किया गया. बता दें कि चंद्रमा पर लाखों वर्षो से अंतरिक्षीय पिंडों की टक्कर होती रही है. हालांकि वहां न वायुमंडल है, न प्लेट टेक्टोनिक्स, इसलिए टक्कर से बने गड्ढे (क्रेटर्स) स्थायी होते हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि 2024 PT5 ऐसा ही एक टुकड़ा है, जो किसी बड़े टकराव में चंद्रमा से निकला होगा.
पहले भी खोजा गया था उपग्रह
हालांकि 2024 PT5 के अलावा साल 2016 में भी खोजा गया कामो’ओलेवा (Kamo’oalewa) नामक ऑब्जेक्ट भी 2021 में चंद्रमा से जुड़ा पाया गया. यह टुकड़ा 2024 PT5 से बड़ा है और इसे क्वासी-सैटेलाइट माना जाता है, क्योंकि यह पृथ्वी के पास चक्कर लगाता है, लेकिन सीधे उसके चारों ओर नहीं घूमता.
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