Alien Spaceship: क्या अंतरिक्ष मे एलियन है?…ये सवाल अब तक एक रहस्य बना हुआ है. हालांकि अक्सर इन्हें लेकर कई तरह के दावे भी किए जाते है. ऐसे में हाल ही में हावर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञनिकों ने भी अंतरिक्ष में एलियन की मौजूदगी को लेकर बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि एक एलियन स्पेसशिप काफी तेज रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रही है, जिसकी स्पीड करीब 2.17 लाख किलोमीटर प्रति घंटा है.
दरअसल, हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को सोलर सिस्टम से बाहर एक ऐसी चीज मिली है जो बहुत तेजी से धरती की तरफ बढ़ रही है. ऐसे में उनका दावा है कि ये कोई चट्टान नहीं, बल्कि एक एलियन स्पेसशिप हो सकता है. जिसका नाम हॉर्वर्ड के वैज्ञानिकों ने 31/ATLAS दिया है.
काफी तेजी से सूर्य की तरफ बढ़ रहा ऑब्जेक्ट
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, चिली के रियो हर्टाडो स्थित एक सर्वेक्षण दूरबीन ने 31/ATLAS ऑब्जेक्ट की खोज की. जिसकी पहली रिपोर्ट 1 जुलाई 2025 को जारी की गई. हालांकि इस रिपोर्ट को जारी करने से पहले दुनियाभर के टेलिस्कोप से जांच की गई. नासा ने ये भी बताया कि यह ऑब्जेक्ट हमारे सौरमंडल से बाहर का है. जो काफी तेजी से सूर्य की ओर बढ़ रहा है. यह सूर्य के चारों ओर एक निर्धारित कक्षा में ऑर्बिट नहीं करता है.
27 करोड़ किलोमीटर दूर से गुजरेगा
हालांकि इस दौरान अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने यह स्पष्ट किया कि ऑब्जेक्ट 31/ATLAS से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है. यह जब हमारे पास से गुजरेगा फिर भी वो दूरी काफी अधिक होगी. नासा के मुताबिक, यह धरती से करीब 27 करोड़ किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा. इसके अलावा, अक्टूबर 2025 के आसपास 31/ATLAS सूर्य के सबसे करीब से गुजरेगा. जो दूरी करीब 21 करोड़ किलोमीटर होगी.
अबतक खोजा गया तीसरा इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट
इस दौरान दुनिया भर के खगोलविद इस इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट पर रिसर्च कर रहे हैं. यह धूमकेतु हमारे सौर्य मंडल से बाहर का है और यह तीसरा ज्ञात इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है. इसलिए इसके नाम में 3 लगाया गया है. वहीं, ये ऑब्जेट कहा से आया है, इसपर जवाब देते हुए नासा ने कहा कि 3I/ATLAS किसी अन्य तारामंडल में बना हुआ है. यह धनु तारामंडल की दिशा से हमारी तरफ आ रहा है, जो हमारी मिल्की वे आकाशगंगा से गुजर रहा है. इसलिए वो हमारे सोलर सिस्टम को दिखाई दे रहा है.
काफी तेजी से घूम रहा 3I/ATLAS
नासा के अनुसार, 3I/ATLAS की जांच करने पर पता चलता है कि इसके घूमने की गति बहुत तेज है. जबकि इसका पथ अतिपरवलयिक प्रक्षेप पथ (Hyperbolic Trajectory) है. जो सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधे रहने के लिए काफी तेज गति से घूम रही है. नासा की मानें, तो यह बस हमारे सौर मंडल से होकर गुजर रहा है. यह इंटरस्टेलर अंतरिक्ष में अपनी यात्रा जारी रखेगा. यहां से गुजरने के बाद यह फिर कभी हमें दिखाई नहीं देगा.
बता दें कि हाइपरबोलिक प्रक्षेप पथ किसी वस्तु द्वारा गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में बनाया जाता है. जहां वस्तु की गति इतनी अधिक होती है कि वह गुरुत्वाकर्षण स्रोत से दूर चली जाती है और वापस नहीं आती.
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