गाजा से 10 लाख फिलिस्तीनियों को लीबिया भेजने के फिराक में अमेरिका, यूएन ने बताया ‘बड़ी साजिश’  

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Trump administration: इजरायल और हमास जंग में तबाह हो चुके गाजा से अमेरिका लाखों फिलिस्‍तीनियों को स्‍थानांतरित करने की गुप्‍त योजना बना रहा है. जानकारी के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने गाजा से करीब 10 लाख फिलिस्‍तीनियों को लीबिया में स्‍थायी रूप से स्थानांतरित करने की एक गोपनीय योजना बनाई है. अमेरिका द्वारा यह प्रस्ताव कथित तौर पर गाजा में जारी हिंसा और संघर्ष के दौरान नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के नाम पर तैयार किया गया है.

योजना का उद्देश्य और पृष्ठभूमि

डोनाल्‍ड ट्रंप की इस योजना के खुलासे से कई देशों में हड़कंप मचा हुआ है क्‍योंकि ट्रंप के इस योजना को उद्देश्‍य गाजा को खाली करवाना है, जिससे इजरायल को इन क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई की खुली छूट मिल सके और मानवीय संकट की आड़ में फिलिस्तीनी आबादी को विस्थापित किया जा सके.

बता दें कि अमेरिका के कुछ वरिष्‍ठ अधिकारियों ने इस प्रस्‍ताव को सामने रखा है कि गाजा के लाखों निवासियों को लीबिया जैसे उत्तरी अफ्रीकी देश में बसाया जाए, जहां पहले से ही आंतरिक संघर्ष और अस्थिर शासन व्यवस्था मौजूद है. इस योजना पर अमेरिकी विदेश विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कार्यालयों में प्रारंभिक चर्चा हुई है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कभी औपचारिक नीति के रूप में अपनाया गया या नहीं.

वहीं, मानवाधिकार समूहों और मध्य पूर्व मामलों के जानकारों ने अमेरिका के इस योजना की कडी़ आलोचना ही है. उनका कहना है कि यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय कानून और मानव अधिकारों का उल्लंघन करता है. क्योंकि जबरन विस्थापन युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है.

लीबिया का जिक्र क्यों?

गाजा के लोगों को लीबिया इस लिए भेजा जा रहा है क्‍योंकि वह एक ऐसा देश है जो वर्षों से राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता से जूझ रहा है और पश्चिमी हस्तक्षेप के लिए अधिक खुला समझा जाता है. वहीं, ट्रंप प्रशासन के कुछ रणनीतिकारों ने यह विश्वास जताया था कि लीबिया में गाजा के विस्थापित नागरिकों को लंबे समय तक बसाया जा सकता है, जिससे इजरायल को गाजा पर सैन्य वर्चस्व स्थापित करने में सुविधा होगी.

यूएन ने दी चेतावनी

हालांकि फिलिस्तीनी अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने ट्रंप के इस योजना को “नस्लीय सफ़ाया” (ethnic cleansing) की एक साजिश करार दिया है. वहीं, इससे पहले भी कभी कई बार संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों ने चेतावनी दी है कि गाजा पट्टी से जबरन जनसंख्या विस्थापन अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.

जो बाइडेन ने भी कहीं ये बात  

वहीं अमेरिका को पूर्व राष्‍ट्रपति जो बाइडन सरकार ने इस योजना से कोई संबंध नहीं होने की बात कही है. साथ ही उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया है कि गाजा संकट का समाधान केवल राजनीतिक और कूटनीतिक उपायों से ही संभव है, न कि जबरन विस्थापन से.

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