Zero Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर बड़ा बयान दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को दावा किया कि भारत ने अमेरिका की कई वस्तुओं पर ‘शून्य टैरिफ’ (0% टैरिफ) लगाने का प्रस्ताव दिया है. वहीं, इससे पहले 2 अप्रैल को डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के ‘शून्य टैरिफ’ को लेकर दिए गए बयान के कछ देर बाद ही भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच जब तक सभी पहलुओं पर चर्चा नहीं हो जाती है तब तक कोई भी फैसला तय नहीं माना जाएगा. विदेशमंत्री ने कहा दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता चल रही है, जो एक जटिल प्रकिया है.
भारत और अमेरिका के बीच लागू होगा शून्य टैरिफ?
एस जयशंकर ने जोर देते हुए कहा कि कोई भी व्यापार समझौता परस्पर लाभकारी और दोनों देशों के हित में होना चाहिए. इसलिए, इस पर जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा. भारत और अमेरिका दोनों देशों की ओर जारी बयानों के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि यदि वास्तव में ‘शून्य टैरिफ’ (Zero Tariff) लागू होता है, तो क्या सभी आयात-निर्यात पर टैक्स खत्म हो जाएगा या इसमें भी कोई पेंच है.
एक सीमित दायरे वाला समझौता
जानकारों का मानना है कि ‘शून्य टैरिफ’ का मतलब यह नहीं कि हर उत्पाद पर टैक्स हट जाएगा. यह केवल उन विशेष वस्तुओं या सेवाओं पर लागू होता है जिन पर दोनों देशों के बीच सहमति बनती है. मतलब यह एक सीमित दायरे वाला समझौता हो सकता है, न कि संपूर्ण व्यापार पर लागू होने वाला नियम.
क्या होता है Zero Tariff का मतलब?
‘शून्य टैरिफ’ का मतलब है कि दो देशों के बीच व्यापार में आयात या निर्यात होने वाले उत्पादों पर कोई अतिरिक्त सीमा शुल्क (Custom Duty) या टैक्स नहीं लगाया जाएगा. ऐसे में अगर भारत और अमेरिका के बीच यह ‘Zero Tariff’ डील लागू होती है, तो इसका मतलब होगा कि व्यापारिक वस्तुओं पर कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगेगा, जिससे व्यापार सस्ता और सुगम हो सकता है. लेकिन इस अर्थ ये नहीं है कि सभी टैक्स खत्म हो जाएंगे. मूलभूत या एवरेज टैरिफ अभी भी लागू रह सकते हैं. यानी पूरी तरह टैक्स-मुक्त व्यापार नहीं, बल्कि कुछ उत्पादों पर रियायत दी जा सकती है.
क्या भारत-अमेरिका के बीच टैक्स हो जाएंगे शून्य?
बता दें कि यदि भारत और अमेरिका के बीच ‘शून्य टैरिफ’ का नियम लागू भी होता है, तो यह सभी वस्तुओं पर लागू नहीं होगा. दोनों देशों के बीच ‘zero for zero tariff’ की चर्चा फिलहाल कुछ विशेष उत्पादों जैसे स्टील, ऑटो पार्ट्स और फार्मास्यूटिकल्स तक सीमित है. दोनों देशों के बीच पारस्परिक (reciprocal) व्यवस्था लागू होगी, यानी एक देश जितनी छूट देगा, दूसरा भी उतनी ही देगा. ऐसे में केवल चुनिंदा और आपसी सहमति वाले सामानों पर ही टैरिफ हटाने की संभावना है. यह कोई व्यापक समझौता नहीं, बल्कि सीमित वस्तुओं पर आधारित एक रणनीतिक व्यापार डील होगी.
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