Indus Water Treaty: पानी रोकोगे, तो हम तुम्हारी सांसे रोक देंगे…, पाक सेना बोल रही आतंकी हाफिज सईद की जुबान

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Indus Water Treaty: पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर जाहिर कर दिया है कि वो आतंकियों की बोली बोलती है. सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के आतंकी हाफिज सईद की ही तरह सिंधु जल समझौते को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगला है.

पाकिस्तान ने दी भारत को धमकी

चौधरी ने एक सार्वजनिक सभा में सिंधु जल संधि स्थगित करने के फैसले पर चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि “यदि आप हमारा पानी रोकेंगे, तो हम आपकी सांसें रोक देंगे.” ये अंदाज और बोल ठीक वैसे ही हैं जैसे हाफिज सईद ने हाल ही में उगले थे. शरीफ चौधरी सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने के भारत के फैसले पर बोल रहे थे. दरअसल, भारत पहले ही कह चुका है कि जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद को समाप्त नहीं कर देता और अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवादी समूहों को सहायता, वित्त पोषण और समर्थन बंद नहीं कर देता, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित ही रहेगी.

हाफिज सईद की जुबान बोल रही पाक सेना

चौधरी ने कथित तौर पर पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय में भाषण के दौरान यह टिप्पणी की. उनका बयान लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद द्वारा इस्तेमाल की गई बयानबाजी से हूबहू मेल खाता है. सईद 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड है. वह भारत और अमेरिका के खिलाफ अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जाना जाता है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में हाफिज सईद को यही शब्द कहते हुए सुना जा सकता है. ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब भारत ने 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि के कुछ हिस्सों को निलंबित कर दिया था. यह संधि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद की है जिसमें 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी.

खून-पानी एक साथ नहीं बह सकते

1960 में हस्ताक्षरित और विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता की गई यह संधि सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के बंटवारे को दोनों देशों के बीच नियंत्रित करती है. इस बीच, नई दिल्ली ने बार-बार कहा है कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते; बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते,” जो सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के कथित समर्थन पर सख्त रुख का संकेत देता है. निलंबन इस्लामाबाद के खिलाफ उठाए गए जवाबी उपायों का एक हिस्सा था, जिसमें 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” भी शामिल था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था.

विदेश मंत्रालय ने की थी ये घोषणा

भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि पाकिस्तान के साथ भविष्य की कोई भी बातचीत केवल जम्मू और कश्मीर में अवैध रूप से कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर केंद्रित होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दृढ़ता से कहा कि “आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते,” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत केवल वांछित आतंकवादियों के प्रत्यर्पण पर चर्चा को तैयार है, जिन्हें पहले से ही सूचीबद्ध किया गया है और इस्लामाबाद के साथ साझा किया गया है. कश्मीर मुद्दे पर भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए, जायसवाल ने रेखांकित किया, “कोई भी द्विपक्षीय चर्चा केवल पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर होगी.”

प्रधानमंत्री मोदी के बयान को दोहराया

निलंबित सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) पर जायसवाल ने पुष्टि की कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद करने के लिए विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय कदम नहीं उठाता, तब तक यह समझौता स्थगित रहेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को दोहराया: “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते,” जो ऐतिहासिक जल-समझौते पर भारत की स्थिति के सख्त होने का संकेत देता है.

ये भी पढ़ें- सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने टोक्यो में Mahatma Gandhi को दी श्रद्धांजलि, आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दोहराया

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