Tejas Fighter Jet: भारत सरकार लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुट हुई है. ऐसे में ही अब भारतीय वायुसेना को देश की स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजना ‘तेजस’ के तहत मार्च 2026 तक कम से कम 6 एयरक्राफ्ट मिल जाएंगे. इसकी जानकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डी.के. सुनील ने एक इंटरव्यू के दौरान दी है.
सुनील सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ सप्ताह पहले एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने तेजस की डिलीवरी में हो रही देरी पर सार्वजनिक रूप से चिंता जताई थी. सुनील बताया कि HAL की ओर से फाइटर जेट तैयार हैं, लेकिन अमेरिकी कंपनी GE Aerospace द्वारा समय पर इंजन की सप्लाई नहीं किए जाने से देरी हुई है.
कोविड महामारी का इंजन सप्लाई पर प्रभाव
उन्होंने कहा कि GE को 2023 में F404 इंजन सप्लाई करने थे, लेकिन अब तक सिर्फ एक इंजन ही मिला है. हमने 6 तेजस जेट तैयार कर लिए हैं, लेकिन इंजन न मिलने के कारण उन्हें वायुसेना को नहीं सौंपा जा सका. GE की तरफ से देरी के पीछे कोविड महामारी के दौरान उत्पादन चक्र में हुई बाधा और सीनियर इंजीनियरों के कंपनी छोड़ने के कारण सप्लाई चेन पर असर पड़ा. फिलहाल, अब तकनीकी समस्याएं सुलझा ली गई हैं और वित्तीय वर्ष 2025-26 तक GE द्वारा 12 इंजन सप्लाई किए जाने की उम्मीद है.
16 तेजस जेट बनाने का लक्ष्य
बता दें कि फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ 83 तेजस Mk-1A फाइटर जेट खरीदने के लिए ₹48,000 करोड़ का समझौता किया था. इसके अलावा, 97 और तेजस Mk-1A खरीदने की योजना पर भी ₹67,000 करोड़ की लागत से काम चल रहा है. दरअसल HAL का लक्ष्य है कि साल 2026 तक 16 तेजस जेट तैयार किए जाएं, बशर्ते इंजन की सप्लाई नियमित रूप से होती रहे.
भारत का गौरवशाली फाइटर जेट है तेजस
आपको बता दें कि तेजस एक सिंगल इंजन, मल्टीरोल फाइटर जेट है जो उच्च खतरे वाले एयर एनवायरमेंट में भी ऑपरेशन कर सकता है, जो आने वाले समय में मिग-21 जैसे पुराने जेट्स की जगह लेगा. इस फाइटर जेट में अत्याधुनिक AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम लगे हैं.
‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर की डिलीवरी 2028 से शुरू होगी
इसी बीच HAL प्रमुख ने बताया है कि 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ के ऑर्डर के बाद डिलीवरी 2028 से शुरू होगी. यह हेलीकॉप्टर 4500 मीटर की ऊंचाई पर उड़ने और युद्ध लड़ने की क्षमता रखता है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि कई देशों ने तेजस में दिलचस्पी दिखाई है, फिलहाल HAL उनसे बातचीत कर रहा है. ऐसे में उम्मीद है जल्द ही भारत को तेजस के निर्यात में बड़ी सफलता मिलेगी.
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