Himachal Cloudburst: हिमाचल में मौसम का कहर, मंडी में बादल फटने से 10 लोगों की मौत, 406 सड़के बंद

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Himachal Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में मौसम कहर बरपा रहा है. मंगलवार को 11 स्थानों पर बादल फटे. 20 मकानों को नुकसान पहुंचने के साथ ही 15 पशुशालाओं को नुकसान हुआ है. प्रदेश में वर्षा के बाद 406 सड़कें बंद हैं. इसके अलावा प्रदेश में 1515 ट्रांसफार्मर खराब हैं, जबकि लगभग 171 पेयजल योजनाओं को नुकसान हुआ है. मंडी में बादल फटने से 10 लोगों की मौत हो गई.

24 घंटे के दौरान सबसे अधिक मंडी जिले में बारिश

प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक बारिश मंडी जिले के संधोल में 223.6 मिलीलीटर हुई. प्रदेश में अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री की गिरावट आई है. कांगड़ा में मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 11 डिग्री नीचे दर्ज किया गया. प्रदेश में सबसे अधिक तापमान धौलाकुआं में 31.5, जबकि ऊना में 31.4 डिग्री दर्ज किया गया.

ऊना के साथ लगते बसाल गांव में स्थित स्वां नदी में मछली पकड़ने गए पांच प्रवासी जलस्तर बढ़ने से बीच में फंस गए. सूचना मिलने पर पुलिसकर्मियों और गृहरक्षकों ने करीब सवा दो घंटे बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया. सोलन शहर के कोटलानाला में मंगलवार की दोपहर बाद एक निर्माणाधीन भवन के साथ पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण वहां काम पर लगे मजदूर बाल-बाल बच गए.

मंडी में सात जगहों पर बादल फटा

वहीं, मंडी जिले में मंगलवार को बादल फटने से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. गोहर, करसोग, थुनाग व धर्मपुर उपमंडल में सात स्थानों पर बादल फटने से मकान  गिरने व व बाढ़ के पानी में बहने से 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 30 लोग लापता हैं. गोहर उपमंडल में पांच, सराज में चार और करसोग में एक व्यक्ति की मौत हुई है.

132 लोगों को ग्रामीणों व प्रशासन ने बचाया

132 लोगों को ग्रामीणों व प्रशासन ने बचाया है. गोहर उपमंडल के स्यांज क्षेत्र में ज्यूणी खड्ड में आए सैलाब में दो घर समा गए. इससे झाबे राम व पदम देव सहित उनके परिवार के नौ सदस्य बह गए. इनमें देवकू देवी का शव कांगड़ा जिले के देहरा व उमा देवी का जोगेंद्रनगर उपमंडल में ब्यास नदी के किनारे मिला. लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने सर्च अभियान चला रही है.

बाड़ा पंचायत में मकान जमींदोज होने से मलबे में छह लोग दब गए. इसमें मां-बेटे की मौत हो गई. तीन घंटे के रेस्क्यू अभियान के बाद चार लोगों की जान बचा ली गई. परवाड़ा में मां, बेटा व बहू नाले के तेज बहाव में बह गए. बेटे का शव बरामद कर लिया गया है. पांच वर्ष की बच्ची सुरक्षित बच गई. सराज उपमंडल के बगस्याड़, थुनाग व जंजैहली में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. एक स्कूल कर्मी के स्वजन सहित 19 लोग बह गए, इनमें चार के शव बरामद कर लिए गए. 15 लोग अभी भी लापता हैं.

चुलाथाज में देवदार के सैकड़ों पेड़ जड़ से उखड़कर बहे

चुलाथाज में देवदार के सैकड़ों पेड़ जड़ से उखड़कर बह गए हैं. करसोग के सकरोल व कुट्टी में बादल फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार लापता हैं. लारजी व डैहर पावर हाउस में 28 घंटे से बिजली उत्पादन ठप है. 16 मेगावाट के पटिकरी प्रोजेक्ट को भारी क्षति पहुंची है. जिलेभर में पांच पुल बह गए हैं. सराज हलके में बिजली-पानी व संचार सेवाएं बाधित हैं. धर्मपुर उपमंडल का स्याठी गांव जमींदोज हो गया है. यहां 10 घर ध्वस्त हो गए हैं.

पठानकोट-मंडी फोरलेन पर बिजणी सुरंग के पोर्टल पर भूस्खलन से निर्माणाधीन ढांचे को भारी क्षति पहुंची है. कीरतपुर-मनाली फोरलेन झलोगी के पास मलबा आने से रातभर बंद रहा और 1000 से अधिक वाहन फंसे रहे. रात को ब्यास नदी में पानी की आवक 1.63 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी. मंडी शहर में जलभराव की वजह से कई लोग फंस गए, जिन्हें विपाशा सदन और गुरुद्वारा में बनाए राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया.

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने रातभर आपदा प्रबंधन टीमों के साथ समन्वय कर सैकड़ों लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कराया. उन्होंने गोहर, करसोग, बालीचौकी और थुनाग सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत व पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की. जिले में 24 घर व 12 पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. 70 से अधिक मवेशियों की मौत और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है.

कालका-शिमला रेलमार्ग पर भूस्खलन से थमे ट्रेन के पहिए

कालका-शिमला रेलमार्ग पर मंगलवार को सोलन व सलोगड़ा में भूस्खलन से शिमला जा रही ट्रेन के पहिये थम गए. दोहपर एक बजे सोलन में ट्रैक पर पत्थर आ गए, जिसे रेलकर्मियों ने साफ किया तो पौने तीन बजे सलोगड़ा के नजदीक ट्रैक पर भारी मलबा आ गया. शिमला से कालका की ओर आने वाली सभी रेलगाड़ियां निश्चित समय से थोड़ी देरी से चलीं.

मौसम विभाग ने 3 जुलाई तक जताई भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने 3 जुलाई तक प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना जताई है, जबकि 4 व 5 जुलाई को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है. इनमें कांगड़ा और सोलन में बहुत भारी और मंडी, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, शिमला और सिरमौर में कुछ स्थानों भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. मौसम विभाग ने जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई है.

अब तक 500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान: CM सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश में अभी तक 500 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है. नुकसान और भी बढ़ सकता है. जहां पर नुकसान हुआ है, वहां राहत और पुनर्वास में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश सरकार आपदा की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी है और हर स्थिति से निपटने का हर संभव प्रयास कर रही है.

लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, बिजली आपूर्ति हो या सड़क सुविधा सुचारू हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है. मंगलवार को नादौन में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आपदा से पीड़ित 287 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है और जो आपदा के दौरान लापता हुए हैं, उन्हें ढूंढने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए एनडीआरएफ की टीम में पुलिस बटालियन और होमगार्ड की टीमें नियुक्त की गई है.

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