भारत में डिजिटल लेनदेन की रफ्तार लगातार बढ़ रही है और इसका नेतृत्व कर रहा है. UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस)। के एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2025 में जहां औसत दैनिक UPI ट्रांजैक्शन वैल्यू ₹75,743 करोड़ थी, वहीं अगस्त 2025 तक यह बढ़कर ₹90,446 करोड़ तक पहुंच गई. इस वृद्धि में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 5.2 अरब ट्रांजैक्शन के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है.
डिजिटल पेमेंट्स में महाराष्ट्र सबसे आगे
SBI रिसर्च के मुताबिक, जुलाई 2025 में डिजिटल लेनदेन में महाराष्ट्र ने 9.8% की हिस्सेदारी के साथ देशभर में पहला स्थान पाया। इसके बाद कर्नाटक (5.5%) और उत्तर प्रदेश (5.3%) रहे.
P2M ट्रांजैक्शन का दायरा बढ़ा
UPI ट्रांजैक्शन में खासतौर पर Peer-to-Merchant (P2M) लेनदेन की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय बढ़त देखी गई है.
-
जून 2020: P2M वैल्यू शेयर – 13%
-
जुलाई 2025: बढ़कर – 29%
इसी अवधि में ट्रांजैक्शन वॉल्यूम 39% से बढ़कर 64% हो गया, जो डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है.
नकदी की जगह अब UPI
डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और संकेत यह है कि UPI ट्रांजैक्शन ने कैश इन सर्कुलेशन (CIC) को पीछे छोड़ दिया है.
-
अप्रैल-जुलाई 2025: मंथली एवरेज UPI ट्रांजैक्शन– ₹24,554 अरब
-
जबकि CIC में केवल ₹193 अरब की औसत वृद्धि दर्ज की गई.
रिटेल सेक्टर में UPI की बढ़ती पकड़
UPI अब रिटेल पेमेंट्स में भी मुख्य भूमिका निभा रहा है.
-
नवंबर 2019 में UPI हिस्सेदारी: 40%
-
मई 2025 तक: बढ़कर 91% हो गई है
लोग अब डेबिट कार्ड या ATM से निकासी के बजाय UPI को प्राथमिकता दे रहे हैं.
डेटा विश्लेषण: मर्चेंट कैटेगरी में भी उछाल
देश में करीब 300 मर्चेंट कैटेगरी कोड (MCC) हैं, जिनमें से NPCI ने 29 को एक्टिव रूप से ट्रैक किया है. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि इस डेटा को कम से कम 100 प्रमुख कैटेगरी तक बढ़ाना चाहिए.
जुलाई 2025 का ब्रेकडाउन:
-
टॉप 15 MCC:
-
ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में 70%
-
ट्रांजैक्शन वैल्यू में 47% हिस्सेदारी
-
-
किराना सेक्टर:
-
वॉल्यूम में 24.3%
-
वैल्यू में 8.8%
-
-
डेट कलेक्शन एजेंसी:
-
वैल्यू में 12.8%, लेकिन वॉल्यूम सिर्फ 1.3%
-
डेट कलेक्शन एजेंसी के लेनदेन अप्रैल 2025 में ₹80,789 करोड़ से बढ़कर जुलाई 2025 में ₹93,857 करोड़ हो गए, हालांकि औसत टिकट साइज ₹5,952 से घटकर ₹5,817 रह गया.