India China Relations : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 14 जुलाई के मुलाकात में ही अपने चीनी समकक्ष वांग यी से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत और चीन के रिश्तों में किसी तीसरे देश (पाकिस्तान) की दखलअंदाजी या उसके हितों की कोई जगह नहीं है. बता दें कि उस मुलाकात में उन्होंने 2020 में पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के रिश्तों की दिशा पर चर्चा की.
दोनों देशों को तनाव कम कर देना चाहिए
जानकारी के मुताबिक, मुलाकात के दौरान यी से जयशंकर ने कहा कि स्थिर सीमा ही भारत-चीन रिश्तों की बुनियाद है. इस दौरान उन्होंने कहा कि अब दोनों देशों की सेनाओं को तनाव कम करने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि 2020 की गलवान झड़प और LAC पर घुसपैठ को काफी समय बीत हो चुका है.
आतंकवाद के खिलाफ जयशंकर ने ने अपनाया कड़ा रुख
ऐसे में मुलाकात के दौरान उन्होंने साफ किया कि भारत-चीन रिश्तों को किसी तीसरे देश के इर्द-गिर्द नहीं घूमना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि जयशंकर ने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि चीन पाकिस्तान को 81% सैन्य हथियार सप्लाई करता है और इन हथियारों में मिसाइल और विमान शामिल हैं, जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर में भी बड़े पैमाने पर चीन ने पाकिस्तान की काफी मदद की.
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