Bangladesh violence: बांग्लादेश के गोपालगंज में भड़की हिंसा की जातीय पार्टी के महासचिव शमीम हैदर पटवारी ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही तनावपूर्ण, अस्थिर और अप्रत्याशित है, जो सही नहीं है. देश में गृहयुद्ध जैसी स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरा है. बता दें कि गोपालगंज में यह हिंसा उस वक्त भड़की थी, जब एक रैली के दौरान नवगठित ‘नेशनल सिटिजन पार्टी’ (एनसीपी) और शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे, जिसमें चार लोगों की मौत भी हो गई थी.
जातीय पार्टी के महासचिव शमीम हैदर पटवारी ने कहा कि यदि देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, ऐसे कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहें कि सरकारी मशीनरी और राजनीतिक दल इसके लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. इसके बदले वो हिंसा का प्रचार कर रहे हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि यदि एनसीपी गोपालगंज जाती है, तो वे शेख हसीना और शेख मुजीबुर रहमान के खिलाफ नारे लगाएंगे, जिससे लोग भड़क सकते है.
नए नेताओं से शांति चाहते है, अराजकता नहीं
शमीम हैदर ने आगे कहा कि देश में कुछ ऐसे इलाके है, जहां कुछ पार्टियां बेहद लोकप्रिय हैं. जैसे बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) बोगुरा में, जातीय पार्टी रंगपुर में लोकप्रिय है. ऐसे में गोपालगंज जाकर अराजकता फैलाना समझदारी नहीं है. उन्होंने कहा कि हम नए नेताओं से शांति चाहते है, अराजकता नहीं. गोपालगंज जाना राजनीतिक रूप से नासमझी भरा फैसला है. इससे पहले कई राज्य के नेता खून-खराबे से बचने के लिए गोपालगंज जाने से बचते थे. ऐसे में सभी को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए तैयार रहना चाहिए. संघर्ष और गृहयुद्ध जैसी स्थिति लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है.
‘शेख हसीना का भारत में रहना गलत नहीं’
वहीं, भारत-बांग्लादेश के संबंधों और शेख हसीना के भारत में शरण लेने पर शमीम हैदर पटवारी ने कहा कि शरणार्थी के रूप में या जान बचाने के लिए कोई भी किसी भी देश में रह सकता है. मुझे इसमें कोई अवैधता नहीं दिखती. उन्होंने कहा कि भारत हमारा एकमात्र पड़ोसी है, क्योंकि म्यांमार गृहयुद्ध की स्थिति में है. भारत के साथ हमारी 3,000 किलोमीटर लंबी सीमा है और हर साल लगभग दस लाख से ज़्यादा लोग इलाज के लिए भारत जाते हैं. हम जरूरी चीजें और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारत पर निर्भर है, क्योंकि यदि बांग्लादेश अस्थिर होता है तो इससे सेवन सिस्टर्स और अन्य हिस्सों में तनाव पैदा होगा.
भारत के साथ चाहते है सम्मानजनक संबंध
शमीम हैदर के मुताबिक, 5 अगस्त को शेख हसीना के पतन के बाद कुछ लोगों ने भारत के खिलाफ नारे लगाए, नए नक्शे बनाए. उनका कहना था कि सेवन सिस्टर्स को परेशान किया जाएगा. सरकार की इन अनावश्यक टिप्पणियों ने ही भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव पैदा किया. उन्होंने कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि हम पड़ोसी है और हमें मिलकर काम करना होगा. किसी भी देश को ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए जिससे दूसरे देश की संप्रभुता प्रभावित हो. सुरक्षा यह एक बड़ी चिंता है. जातीय पार्टी भारत के साथ सम्मानजनक संबंध चाहती है.
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