सीरिया में ड्रूज और बेदौइन के बीच लड़ाई थमी, राष्ट्रपति अल-शरा ने नए युद्धविराम का किया ऐलान

Raginee Rai
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Syria Druze-Bedouin conflict: सीरिया में पिछले एक हफ्ते से जारी ड्रूज और बेदौइन समुदाया की बीच संघर्ष अब थम गया है. सीरिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसने सुवेदा प्रांत से बेदौइन लड़ाकों को हटा दिया है और अशांत दक्षिणी क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती के कुछ ही घंटों बाद घातक झड़पें बंद हो गईं. यह ऐलान सीरियाई राष्ट्रपति अल-शरा की ओर से ड्रूज़ और बेदौइन गुटों के बीच नए युद्धविराम का आदेश देने और अमेरिका की ओर इजरायली हमलों को खत्म करने के लिए समझौता कराने के बाद किया गया है.

बीते दिनों ड्रूज और बेदौइन में छिड़ी थी हिंसा

हालांकि सीरियाई सरकार के दावे के कुछ समय पहले, सुवेदा शहर में मशीनगन से फायरिंग और आसपास के गांवों में मोर्टार से गोलाबारी की खबरें आई थी. लेकिन किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. जानकारी दें कि पिछले दिनों से ड्रूज और बेदौइन गुटों में सांप्रदायिक हिंसा छिड़ गई थी, जिसके बाद इजरायल ने ड्रूज समुदाय को बचाने के दावा करते हुए सीरिया पर हमले किए थे. इसके बाद सीरिया के अलग-अलग प्रांतों से बेदौइन समुदाय के लड़ाकों ने सुवेदा रुख किया था, जिससे पूरे प्रांत में भयंकर लड़ाई शुरू हो गई थी.

आदिवासी लड़ाकों से प्रांत को कराया आजाद

सीरिया के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नूर अल-दीन बाबा ने सरकारी न्यूज एजेंसी सना को बताया कि सीजफायर समझौते को लागू करने के लिए गहन प्रयासों और सुवेदा प्रांत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में सरकारी बलों की तैनाती के बाद लड़ाई खत्म हो गई. नूर अल-दीन बाबा ने कहा कि प्रांत के पश्चिम में स्थित सुवेदा शहर को अब सभी आदिवासी लड़ाकों से मुक्त कर दिया गया है और शहर के पड़ोस में होने वाली झड़पें बंद हो गई हैं.

कैसे शुरू हुई थी लड़ाई?

बता दें कि यह लड़ाई पिछले हफ्ते तब शुरू हुई जब एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक ड्रूज़ ट्रक चालक को किडनैप कर दिया गया और इसका आरोप बेदौइन समुदाय पर लगा. इसके बाद बदले की भावना से कई हमले शुरू हो गए, जिसके परिणामस्वरूप पूरे देश से आदिवासी लड़ाके बेडौइन समुदाय के समर्थन सुवेदा में आ गए. इस लड़ाई में सीरियाई सरकारी सैनिक भी शामिल हो गए थे.

जिसके बाद बुधवार को इजरायल ने सुवेदा और सीरिया की राजधानी दमिश्क पर भारी हवाई हमले किए. इजरायल ने दावा किया कि यह हमला ड्रूज समुदाय की रक्षा के लिए किया गया, क्योंकि अल्पसंख्यक समूह के कुछ सदस्यों ने सरकारी बलों पर उनके खिलाफ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था.

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