जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा, स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला

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Vice President: देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को इसकी वजह बताया. 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक का था. धनखड़ ने अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्यागपत्र सौंपा. लिखा- स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं.

उन्होंने पत्र में राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया. प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया. हालांकि, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही उनका इस्तीफा प्रभावी होगा.

कौन संभालेगा राज्यसभा का चार्ज?

अनुच्छेद 89(1) के मुताबिक, राज्यसभा के उप सभापति, सभापति की अनुपस्थिति में सभी कार्यों की निगरानी करता है. जब राज्यसभा में अध्यक्ष मौजूद न हो, तो राज्यसभा के मौजूदा सत्र की जिम्मेदारी उप सभापति को सौंपी जाती है और वही सत्र सुचारू रूप से चलाते हैं.

राज्यसभा की कार्यवाही कौन करेगा संचालित

राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह 2020 से इस पद पर कार्यरत हैं. ऐसे में जब तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं होता और वो पदभार ग्रहण नहीं कर लेते, तब तक उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा की कार्यवाही को संचालित करेंगे. मानसून सत्र में कई अहम विधेयकों और बहसों की तैयारी है, ऐसे में सभापति की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, जो उपराष्ट्रपति होते हैं.

इस्तीफे के पीछे स्वास्थ कारणों का हवाला 

धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं.” उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा, “मैं भारत के राष्ट्रपति के प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं, जिनका समर्थन अडिग रहा. उनके साथ मेरा कार्यकाल शांतिपूर्ण और बेहतरीन रहा.’’ धनखड़ ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है.” उन्होंने कहा, “सभी संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह सदैव मेरी स्मृति में रहेगा

इ्स्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति

भारत के इतिहास में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने वाले वह तीसरे राष्ट्रपति हैं. इससे पहले वीवी गिरी और आर वेंकटरमन ने इस्तीफा दिया था, लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद और शपथ लेने से पहले इस्तीफा दिया था. राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद वीवी गिरि को राष्ट्रपति बनाया गया और उन्होंने इस्तीफा दिया था. जबकि आर वेंकटरमन 1987 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए और उस वक्त वह उपराष्ट्रपति थे तो उन्होंने शपथ ग्रहण से पहले इस्तीफा दिया था.

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