Pakistan: लश्कर आतंकी अब्दुल अजीज की तड़प-तड़प कर मौत, संसद और मुंबई हमले में था शामिल

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pakistan: पाकिस्‍तान में लश्‍कर का खुंखार आतंकी अब्‍दुल अजीज की अस्‍पताल में तड़प-तड़प कर मौत हो गई है. अब्‍दुल अजीज ने भारत के संसद पर 2001 में हुए आतंकी हमले और 26/11 आतंकी हमले में मुख्‍य भूमिका निभाया था. भारत के ऑपरेशन सिंदूर में 6-7 मई की रात हुए मिसाइल हमले में अब्‍दुल अजीज जख्‍मी हो गया था. अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान अब्दुल के तड़पने और उसकी मौत के बाद जनाजे पर आंसू बहाने वाले अन्य लश्कर आतंकियों की तस्वीरें और वीडियो OsintTV पर सामने आई है.

कौन था लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी अब्दुल अज़ीज़?

अब्दुल अज़ीज़ पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का टॉप फंडिंग ऑपरेटिव और रणनीतिक मॉड्यूल संचालक था. जो कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर में घायल होने के बाद अंत में एक दर्दनाक और गुमनाम मौत मारा गया. बीते दिनों उसकी अस्पताल में इलाज के दौरान जान चली गई. अब उसके अंतिम संस्कार के दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. उसके जनाज़े में लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी, अब्दुर रऊफ और संगठन के अन्य प्रमुख सदस्य आंसू बहाते दिख रहे हैं.

लश्कर की टूटी कमर 

अब्दुल,  लश्कर-ए-तैयबा का पुराना और भरोसेमंद सदस्य था. वह केवल एक आतंकी नहीं, बल्कि संगठन का प्रमुख वित्तीय संचालक और फंड इकट्ठा करने वाला एजेंट था. कहा जाता है कि वह खाड़ी देशों, ब्रिटेन और अमेरिका में बसे पाकिस्तानी और कट्टर इस्लामिक गुटों से चंदा इकट्ठा कर लश्कर को भेजता था. इसके अलावा वह आतंकी गतिविधियों के लिए लॉजिस्टिक्स, हथियार और भर्ती की जिम्मेदारी भी संभालता था. अब इसके मरने से लश्कर का बड़ा झटका लगा है.

भारत में इन हमलों में रहा शामिल

अज़ीज़ पर भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल होने के आरोप लगे हैं. वह सीधे तौर पर आपरेशन प्लानिंग में शामिल नहीं रहता था, लेकिन धन और रसद के माध्‍यम से आतंकी हमलों को संभव बनाता था. खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, अब्दुल अज़ीज़ ने  साल 2001 में संसद पर हुए हमले के लिए पाकिस्तान से फंड और उपकरण पहुंचाने में सहायता की थी.

इसके अलावा 2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में अब्‍दुल अज़ीज़ की भूमिका फंडिंग से जुड़ी मानी गई थी. इसके बाद साल 2008 के मुंबई हमले में भी लश्कर का यह आतंकी कथित तौर पर समुद्री मार्ग से हथियार और सैटेलाइट फोन की सप्‍लाई सुनिश्चित करने का जिम्मेदार था. इतना ही नहीं वह जम्मू-कश्मीर में स्थानीय मॉड्यूल्स को आर्थिक सहायता देता रहा है और कट्टरपंथी युवाओं की भर्ती में भी उसका मुख्‍य भूमिका था.

कैसे हुई मौत?

खुफिया सूत्रों के अनुसार, अब्दुल अजीज मरकज पर हुए भारत के मिसाइल हमले में घायल हो गया था. उसने इससे पहले वर्षों तक आतंक फैलाने के लिए संसाधन जुटाए थे. लेकिन अब उसका अंत अकेलेपन और तकलीफ में हुआ. उसे न कोई “जन्नत” नसीब हुई और न ही कोई महिमा. वह अस्पताल में तड़प-तड़प कर मरा. यह आतंकवाद के रास्ते को चुनने वालों के लिए यह एक कड़ा संदेश है.

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