Pahalgam Terror Attack : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया. इस बात पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के बाद खुलकर सफाई देते हुए कहा कि अगर TRF को लेकर अमेरिका के पास कोई सबूत है तो पाकिस्तान उसका स्वागत करेगा.
आतंकी संगठन की नई शक्ल लश्कर-ए-तैयबा
इस दौरान TRF को लेकर भारत-अमेरिका दोनों देशों का कहना है कि यह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की नई शक्ल है. यह वही संगठन है, जिसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक हमले की जिम्मेदारी ली थी और इस हमले में कई नागरिकों की मौत हुई थी. ऐसे में इशाक डार का कहना है कि “लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान ने वर्षों पहले खत्म कर दिया था. क्योंकि उसके खिलाफ कार्रवाई हुई, लोग गिरफ्तार भी हुए और संगठन को नष्ट कर दिया गया. इसलिए TRF से उसका कोई वास्ता नहीं है.”
पाकिस्तान के विदेश मंत्री डार ने कहा
ऐसे में जानकारी देते हुए इशाक डार ने बताया कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के उस बयान में TRF का नाम शामिल किए जाने का कड़ा विरोध किया था, जिसमें पहलगाम हमले की निंदा की गई थी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि “हमें कई देशों से कॉल्स आईं, लेकिन पाकिस्तान ने TRF के जिक्र का विरोध किया और अंत में उस नाम को हटवाया गया.” लेकिन पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा घोषित किए गए आतंकी संगठन के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अगर कोई प्रमाण है तो उसे साझा किया जाए, लेकिन संगठन को लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ना गलत है.
भारत ने TRF को घोषित किया था आतंकवादी संगठन
जानकारी के मुताबिक, भारत ने पहले ही TRF को जनवरी 2023 में UAPA कानून के तहत आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था. मीडिया के अनुसार 2019 में TRF की शुरुआत सोशल मीडिया के जरिए हुई थी. बता दें कि इसके बाद इस संगठन ने कई हमलों की जिम्मेदारी ली है – जिनमें श्रीनगर में ग्रेनेड हमला, लक्षित हत्याएं और जवानों पर हमले शामिल हैं.
TRF को लेकर भारत ने कहा
इस मामले को लेकर भारत का कहना है कि पाकिस्तान की सेना और सरकार सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देती है और जम्मू–कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए TRF जैसे संगठनों का इस्तेमाल किया जाता है. इस दौरान पीएम मोदी ने संबोधन में कहा था कि “भारत पर्यटन में विश्वास करता है, लेकिन पाकिस्तान आतंकवाद को पर्यटन मानता है, जो कि दुनिया के लिए खतरनाक है.”
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