पीएम मोदी आज करेंगे कर्तव्य भवन का उद्घाटन, एक ही छत के नीचे होंगे गृह मंत्रालय समेत कई अहम विभाग

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Delhi: देश के नए पावर सेंटर कर्तव्य भवन का उद्घाटन बुधवार  को होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन– 3 का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद शाम साढ़े 6 बजे वह एक सार्वजनिक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे. बता दें कि दिल्ली के अलग-अलग भवनों में बिखरे केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग अब जल्द ही कर्तव्य पथ के दोनों तरफ बन रहे कर्तव्य भवनों में दिखेंगे. कर्तव्य भवन-3 कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CSS) की 10 बिल्डिंग में पहली है. यह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है.

कर्तव्य भवन-3 में कौन-कौन से होंगे मंत्रालय-

  • गृह मंत्रालय
  • विदेश मंत्रालय
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय
  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)
  • कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय
  • पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
  • प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय

कर्तव्य भवन में क्या है खास?

  1. कर्तव्य भवन-3 दिल्ली के जनपथ पर बनाया गया है. 5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इस इमारत में बेसमेंट के 2 लेवल और ग्राउंड फ्लोर को मिलाकर 10 फ्लोर हैं.
  2. इमारत में 600 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है. इनमें 24 मुख्य कॉन्फ्रेंस रूम हैं, जबकि 26 छोटे कॉन्फ्रेंस रूम हैं.
  3. भवन में सुरक्षित और आईटी-सक्षम कार्यस्थल, स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और कमांड सेंटर, सोलर पैनल, सौर वॉटर हीटर और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं हैं.
  4. यह पर्यावरण के अनुकूल निर्माण को भी बढ़ावा देता है, जिसमें अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग, ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं.
  5. इमारत को ठंडा रखने और बाहरी ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए इसमें कांच की विशेष खिड़कियां लगाई गई हैं.
  6. कर्तव्य भवन को 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत के लिए तैयार किया गया है. ऊर्जा की बचत करने वाली एलईडी लाइटें, जरूरत न होने पर लाइटें बंद करने वाले सेंसर, बिजली बचाने वाली स्मार्ट लिफ्टें लगाई गई हैं.

2031 तक पूरी होगी परियोजना

कर्तव्य भवन-1 और 2 अगले महीने तक तैयार हो जाएंगे और बाकी सात भवन अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे. पूरी सेंट्रल विस्टा परियोजना,  जिसमें नए पीएम आवास और ऑफिस का निर्माण भी शामिल है, दिसंबर 2031 तक पूरी हो जाएगी. इस पूरी योजना पर करीब 1000 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है, लेकिन इससे हर साल करीब 1500 करोड़ रुपये का किराया खर्च बचाया जा सकेगा.

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