रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने कहा है कि भारत का खुदरा क्षेत्र दुनिया में सबसे तेज गति से वृद्धि वाले उपभोक्ता बाजारों में से एक है. FY25 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में तेल से लेकर खुदरा कारोबार करने वाली कंपनी ने कहा कि भारत के खुदरा उद्योग के लिए दृष्टिकोण सकारात्मक है, जिसकी विशेषता तकनीकी प्रगति, बाजार विस्तार, उपभोक्ताओं का ज्यादा जुड़ाव और नवोन्मेषी उत्पादों का आरंभ है. अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कंपनी ने कहा, भारत का खुदरा क्षेत्र दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते उपभोक्ता बाज़ारों में से एक रहा है. कर राहत और सहायक आर्थिक नीतियों के साथ सरकारी पहलों से लोगों की खर्च करने वाली आय में वृद्धि होने और उपभोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. मज़बूत ग्रामीण मांग और अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि के साथ खुदरा क्षेत्र निरंतर विकास के लिए तैयार है.
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन और लाइफस्टाइल, किराना और उपभोक्ता ब्रांडों में मौजूद खुदरा विक्रेता ने FY25 में अपना सकल राजस्व 3,30,943 करोड़ रुपये दर्ज किया, जिसमें FY24 की तुलना में 7.9% की वृद्धि देखी गई. कंपनी ने कहा, कारोबार ने लाभ वृद्धि के अपने मज़बूत ट्रैक रिकॉर्ड को जारी रखते हुए 25,094 करोड़ रुपये का एबिटा दर्ज किया जो पिछले साल की तुलना में 8.6% अधिक है. इस कारोबार ने साल के दौरान 2,659 स्टोर खोले, जिससे कुल स्टोरों की संख्या 19,340 हो गई. यह देश में किसी भी खुदरा विक्रेता के स्टोरों की सर्वाधिक संख्या है. साथ ही पंजीकृत ग्राहक आधार 34.9 करोड़ को पार कर गया.
कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली अचल संपत्ति के लिए मांग-आपूर्ति में असंतुलन के कारण किराये पर दबाव बढ़ना और तेजी से विस्तार के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता एक चुनौती है. कंपनी ने यह भी कहा कि उपभोक्ता खर्च पैटर्न को प्रभावित करने वाले व्यापक आर्थिक कारक भी जोखिम हैं. भारत के सबसे बड़े खुदरा विक्रेता ने उपभोक्ताओं की बढ़ती आकांक्षाएं और खर्च योग्य बढ़ती आय जैसे कारकों को ऐसे अवसर के रूप में बताया है, जिनमें वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं. इनसे अपने ब्रांडों और विशिष्ट ब्रांड साझेदारियों के विकास में तेजी आती है और जो व्यक्तिगत ग्राहक जुड़ाव और परिचालन दक्षता के लिए एआई और डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाते हुए उभरते क्षेत्रों में विस्तार करते हैं और क्षेत्रीय ब्रांडों को आगे बढ़ाते हैं.
अपने उद्योग अवलोकन में खुदरा विक्रेता ने कहा कि भारतीय खुदरा उद्योग सबसे गतिशील और तेजी से विस्तार करने वाले क्षेत्रों में से एक के रूप में विकसित हुआ है और देश के विकास में योगदान देता है. इसमें यह भी कहा गया है कि बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के खुदरा क्षेत्र के 2034 तक 190 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है जो 9% की सालाना दर (सीएजीआर) से बढ़ रहा है. वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, संगठित खुदरा क्षेत्र कुल खुदरा बाजार का 18% है जबकि असंगठित क्षेत्र, जिसमें लाखों छोटे किराना स्टोर हैं, में बाकी 82% हैं. भारत दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते खुदरा बाजारों में से एक बना हुआ है और 2030 तक तीसरा सबसे बड़ा खुदरा बाजार बनने की ओर अग्रसर है.