UP: विधानसभा के मॉनसून सत्र में श्री बांके बिहारी मंदिर न्यास गठन के अध्यादेश को मंजूरी

Ved Prakash Sharma
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Up Vidhan Sabha session: सदन में बुधवार सुबह 11 बजे विकसित भारत, विकसित यूपी विजन डॉक्युमेंट 2047 पर लगातार 24 घंटे की चर्चा शुरू हो गई है. इसमें सरकार विभागवार उपलब्धियां और विजन रख रही है जबकि विपक्ष के सवालों का दौर भी जारी है. यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बांके बिहारी मंदिर निर्माण आर्डिनेंस को मंजूरी मिल गई. बांके बिहारी कॉरिडोर आर्डिनेंस विधेयक भी पास हो गया है.

यह अध्यादेश स्पष्ट करता है कि मंदिर के चढ़ावे, दान और सभी चल-अचल संपत्तियों पर न्यास का अधिकार होगा. इसमें मंदिर में स्थापित मूर्तियां, मंदिर परिसर और प्रसीमा के अंदर देवताओं के लिए दी गई भेंट/उपहार, किसी भी पूजा-सेवा-कर्मकांड-समारोह-धार्मिक अनुष्ठान के समर्थन में दी गई संपत्ति, नकद या वस्तु रूपी अर्पण, तथा मंदिर परिसर के उपयोग के लिए डाक/तार से भेजे गए बैंक ड्राफ्ट और चेक तक शामिल हैं. मंदिर की संपत्तियों में आभूषण, अनुदान, योगदान, हुंडी संग्रह सहित श्री बांके बिहारी जी मंदिर की सभी चल एवं अचल संपत्तियां सम्मिलित मानी जाएंगी.

सरकार ने कहा है कि न्यास का गठन स्वामी हरिदास की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है. स्वामी हरिदास के समय से चली आ रही रीति-रिवाज, त्योहार, समारोह और अनुष्ठान बिना किसी हस्तक्षेप या परिवर्तन के जारी रहेंगे. न्यास दर्शन का समय तय करेगा, पुजारियों की नियुक्ति करेगा और वेतन, भत्ते/प्रतिकर निर्धारित करेगा. इसके साथ ही भक्तों और आगंतुकों की सुरक्षा व मंदिर के प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी भी न्यास पर होगी.
न्यास गठन के बाद श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुख-सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. प्रसाद वितरण, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए अलग दर्शन मार्ग, पेयजल, विश्राम के लिए बेंच, पहुंच एवं कतार प्रबंधन कियोस्क, गौशालाएं, अन्नक्षेत्र, रसोईघर, होटल, सराय, प्रदर्शनी कक्ष, भोजनालय और प्रतीक्षालय जैसी व्यवस्थाएं विकसित की जाएंगी.

इस तरह होगा न्यास का गठन

. न्यास में 11 मनोनीत और 7 पदेन सदस्य होंगे.
. मनोनीत सदस्य: वैष्णव परंपराओं/संप्रदायों/पीठों से तीन प्रतिष्ठित सदस्य (जिनमें साधु-संत, मुनि, गुरु, विद्वान, मठाधीश, महंत, आचार्य, स्वामी सम्मिलित हो सकते हैं).
. सनातन धर्म की परंपराओं/संप्रदायों/पीठों से तीन सदस्य (उसी श्रेणी के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व).
. सनातन धर्म की किसी भी शाखा/संप्रदाय से तीन सदस्य (प्रतिष्ठित व्यक्ति/शिक्षाविद/विद्धान/उद्यमी/वृत्तिक/समाजसेवी).
. गोस्वामी परंपरा से दो सदस्य- स्वामी हरिदास जी के वंशज, एक राज-भोग सेवादारों और दूसरा शयन-भोग सेवादारों का प्रतिनिधि. सभी मनोनीत सदस्य सनातनी हिंदू होंगे. उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा.
. पदेन सदस्य में मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के सीईओ, बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के सीईओ और राज्य सरकार के नामित प्रतिनिधि शामिल होंगे. यदि कोई पदेन सदस्य सनातन धर्म को नहीं मानने वाला/गैर-हिंदू हुआ, तो उसकी जगह उससे कनिष्ठ अधिकारी को नामित किया जाएगा.

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