मध्यम वर्ग के लिए दिवाली का तोहफा इस बार पहले ही मिल गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में नए दौर के जीएसटी सुधारों का संकेत दिया था और अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल ने कर प्रणाली में बड़े बदलाव की घोषणा कर दी है.
जीएसटी संरचना में सुधार करते हुए चार टैक्स स्लैब घटाकर अब केवल दो स्लैब कर दिए गए हैं. इस सरलीकरण से मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि अब अधिकांश आवश्यक वस्तुओं पर या तो टैक्स शून्य होगा या सिर्फ 5% लगेगा.
यह सुधार ऐसे समय में आया है जब वैश्विक शक्तियां रक्षात्मक व्यापार नीतियां अपना रही हैं. भारत सरकार का यह कदम घरेलू मांग बढ़ाने, खपत में तेजी लाने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है. मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए इन सुधारों का सीधा असर महसूस होगा. उदाहरण के लिए, 12 लाख रुपये वार्षिक कमाई वाले परिवार को केवल जीएसटी कटौती से ही लगभग 45,000 रुपये सालाना की बचत होगी.
आयकर में छूट के साथ मिलकर यह लाभ किसी वेतन वृद्धि जैसा होगा. वाहन क्षेत्र में भी बड़ा फायदा मिलेगा। दोपहिया और चारपहिया गाड़ियों पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब एक आम परिवार को टू-व्हीलर खरीदने पर करीब 10,000 रुपये की सीधी बचत होगी. इसी तरह एफएमसीजी और घरेलू उपकरणों पर भी राहत मिलेगी, जबकि कोल्ड ड्रिंक्स को अब तंबाकू जैसी ‘डिमेरिट गुड्स’ श्रेणी में रखा गया है.
संरचनात्मक स्तर पर भी बड़ा सुधार हुआ है। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर खत्म होने से टेक्सटाइल और सोलर उपकरण जैसे सेक्टर्स को बेहतर नकदी प्रवाह मिलेगा. केवल दो स्लैब होने से टैक्स वर्गीकरण पर विवाद लगभग खत्म हो गए हैं और छोटे-मझोले उद्योगों को कानूनी लागत में कमी आएगी. जीएसटी 2.0 न सिर्फ घरेलू बचत बढ़ा रहा है, बल्कि अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में नई ऊर्जा भी ला रहा है.