बायबैक के ऐलान के बाद 4% से अधिक बढ़ा इन्फोसिस का शेयर

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारतीय आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस लिमिटेड के शेयरों में मंगलवार को उल्लेखनीय तेजी देखी गई, जब कंपनी ने अपने इक्विटी शेयर बायबैक की घोषणा की. यह बायबैक प्रस्ताव 11 सितंबर को बोर्ड की बैठक में अंतिम रूप से प्रस्तुत किया जाएगा. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में दोपहर 1:33 बजे तक 4.64% की बढ़त दर्ज की गई, और यह 1,499.30 रुपये पर पहुंच गया.

सूत्रों के अनुसार, इन्फोसिस इस बायबैक प्रक्रिया पर 13,560 करोड़ रुपये तक खर्च कर सकती है. अनुमान लगाया जा रहा है कि बायबैक मूल्य मौजूदा बाजार मूल्य से लगभग 25% प्रीमियम पर हो सकता है. यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो यह इन्फोसिस का पांचवां बायबैक कार्यक्रम होगा— पहला बायबैक 2017 में और पिछला 2022 में हुआ था.

मजबूत वित्तीय स्थिति और सकारात्मक बाजार दृष्टिकोण

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में इन्फोसिस के पास 45,200 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध थी और इसकी कुल नेटवर्थ 95,350 करोड़ रुपये थी. यह दर्शाता है कि कंपनी के पास शेयर बायबैक जैसे रणनीतिक निर्णयों को लागू करने के लिए पर्याप्त वित्तीय स्थिरता है.

शेयर बाजार में इन्फोसिस ने इस कारोबारी सत्र में निफ्टी में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और निफ्टी आईटी इंडेक्स में सबसे बड़ा सकारात्मक योगदान दिया, जो स्वयं 1.7% ऊपर रहा.

बायबैक के संभावित प्रभाव: निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर

विश्लेषकों के अनुसार, शेयर बायबैक से कंपनी के बकाया शेयरों की संख्या घटेगी, जिससे प्रति शेयर आय (EPS) में वृद्धि होगी. बढ़ा हुआ EPS अक्सर शेयर के मूल्यांकन को बेहतर बनाता है और नए निवेशकों को आकर्षित करता है. इस प्रकार, यह निर्णय लघु और दीर्घकालिक निवेशकों दोनों के लिए सकारात्मक संकेत देता है.

50 से अधिक मार्केट विश्लेषकों में से 35 ने इन्फोसिस को “खरीदने” की सिफारिश दी है, 13 ने “होल्ड” की सलाह दी है, जबकि केवल दो विशेषज्ञों ने “बेचने” की राय व्यक्त की है जो कंपनी में निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है.

SCO के संदर्भ में भारत की तकनीकी और आर्थिक शक्ति का संकेत

इन्फोसिस जैसी भारतीय कंपनियों की पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों के लिए यह दर्शाती है कि भारत का टेक्नोलॉजी और आईटी क्षेत्र स्थिर, विश्वसनीय और नवाचार के लिए तैयार है. बायबैक जैसे कदम न केवल शेयरधारकों को लाभ देते हैं, बल्कि कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उच्च मानकों की ओर भी संकेत करते हैं.

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