4.69 अरब डॉलर बढ़कर 702.9 अरब डॉलर पर पहुंचा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 12 सितंबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.69 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 702.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 के अंत में 704.9 अरब डॉलर के अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर तक पहुंचा था. यह भंडार अब अपने सर्वाधिक स्तर 704.9 अरब डॉलर (सितंबर 2024 के अंत में) से केवल 2 अरब डॉलर पीछे है.

587.04 अरब डॉलर हुई विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों से पता चलता है कि भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 2.5 अरब डॉलर बढ़कर 587.04 अरब डॉलर हो गईं. इन परिसंपत्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी प्रमुख वैश्विक मुद्राएं शामिल हैं और इनका डॉलर मूल्य विनिमय दरों में बदलाव को भी दर्शाता है. इस सप्ताह स्वर्ण भंडार में तेज उछाल आया और यह 2.1 अरब डॉलर बढ़कर 92.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

एसडीआर और आईएमएफ में भारतीय आरक्षित निधि में बढ़ोतरी

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) 3.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.73 अरब डॉलर हो गए हैं. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत की आरक्षित निधि 90 लाख डॉलर की वृद्धि के साथ 4.76 अरब डॉलर पर पहुंच गई. विदेशी मुद्रा भंडार देश के लिए एक वित्तीय सुरक्षा कवच की तरह काम करता है. यह RBI को आवश्यकता पड़ने पर रुपये के मूल्य में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने की क्षमता प्रदान करता है.

विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार हो रही वृद्धि

केंद्रीय बैंक का कहना है कि इस तरह के हस्तक्षेप विनिमय दर को एक निश्चित स्तर पर स्थिर रखने के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक अनिश्चितता के समय में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए हैं. हाल के हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार वृद्धि हो रही है. 5 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.03 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 698.26 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. जबकि इससे पिछले सप्ताह बीते महीने अगस्त के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 3.51 अरब डॉलर बढ़कर 694.2 अरब डॉलर हो गया था.

पिछले सप्ताह भी, केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चला था कि विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 54 करोड़ डॉलर बढ़कर 584.47 अरब डॉलर हो गईं. विश्लेषकों का कहना है कि रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब मजबूत बफर स्टॉक भारत को बाहरी झटकों से निपटने, रुपए को मजबूत करने और खासकर अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के बीच वैश्विक निवेशकों को विश्वास दिलाने में मदद करेगा.

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