संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र से पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में फिलीपींस की विदेश मंत्री थेरेसा लाजारो से मुलाकात की. यह मुलाकात राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर की हाल ही में भारत की राजकीय यात्रा के बाद हुई, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा देखने को मिल रही है. दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, और वैश्विक मंचों पर बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया.
फिलीपींस की विदेश मंत्री थेरेसा लाजारो से मिलकर हुई खुशी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की शुरुआत में फिलीपींस की विदेश मंत्री थेरेसा लाजारो से मिलकर खुशी हुई. हमने राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर की हालिया भारत यात्रा के दौरान हुई चर्चा को आगे बढ़ाया. साथ ही, संयुक्त राष्ट्र और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हमारे सहयोग पर भी चर्चा की.
फिलीपींस की विदेश मंत्री ने क्या कहा?
वहीं, फिलीपींस की विदेश मंत्री थेरेसा लाजारो ने भी एक्स पोस्ट में कहा कि उनकी यह मुलाकात राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा, समुद्री क्षेत्र आदि के क्षेत्रों में सहयोग को सक्रिय रूप से विकसित करने के लिए रणनीतिक साझेदारों के रूप में हमारे दोनों देशों की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करती है.
पीएम मोदी और मार्कोस की ऐतिहासिक मुलाकात
इससे पहले, अगस्त की शुरुआत में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर भारत की पांच दिवसीय राजकीय यात्रा की थी. नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी ने भारत और फिलीपींस के बीच मजबूत होते संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि, “हम दोनों देश अपनी पसंद से मित्र हैं और नियति से साझेदार.”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि भले ही राजनयिक संबंध नए हों, लेकिन दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध प्राचीन काल से ही मौजूद हैं. उन्होंने फिलीपींस की रामायण महाराडिया लावना को सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों का जीवंत प्रमाण बताया था. राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर ने फिलीपींस के चल रहे रक्षा आधुनिकीकरण की तेजी और क्षेत्र में भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योग की बढ़ती क्षमताओं और भूमिका से संतुष्टि व्यक्त करते हुए, एक मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की अपनी तत्परता भी जताई.