European Union: यूक्रेन के साथ युद्ध करते करते अब यूरोपीय देशों के आसमान में भी रूस के ड्रोन दिखाई देने लगे है. रूस के इन हरकतों के मद्देनजर अब नाटो देश एकजुट हो रहे है, और रूस के खिलाफ संयुक्त रूप से एक्शन लेने का फैसला कर चुके हैं. नाटो देशों ने तय किया है कि यदि उनके एयर स्पेस में कोई रूसी फाइटर जेट आया तो उसे मार गिराया जाएगा.
दरअसल, हाल ही में एस्टोनिया में घुसे रूसी फाइटर जेट को गिराने का प्लान था, लेकिन आखिरी समय में रूसी फाइटर जेट को वापस जाने दिया गया. बता दें कि रूस ने इस महीने यूक्रेन ही नहीं एस्टोनिया, रोमानिया और पोलैंड में अपनी हवाई घुसपैठ की है. ऐसे में पोलैंड में घुसे रूसी जेट को मार गिराने के लिए तो ब्रिटेन ने अपने फाइटर जेट तक भेजे थे.
यूरोपीय देशों के एयर स्पेस में घुसे रूसी फाइटर जेट
रिपोर्ट के मुताबिक, 10 सितंबर को पोलैंड के आसमान में करीब 19 रूसी ड्रोन दिखाई दिए थे, जिसके बाद राफेल समेत कई फाइटर जेट ने ड्रोन के खिलाफ कार्रवाई की थी. इसके अलावा, 13 सितंबर को भी कुछ ऐसा ही रोमानिया में देखने मिला था, जहां रूसी ड्रोन घुसने पर एफ-16 को एक्शन में लगाया गया था. वहीं, अब 19 सितंबर को एस्टोनिया के एयर स्पेस में रूसी फाइटर जेट आने से हड़कंप मचा हुआ है.
रूस क्यों कर रहा एयर स्पेस का उल्लंघन?
बता दें कि यूक्रेन के साथ पिछले तीन साल से जारी युद्ध के दौरान ऐसा कभी नहीं हुआ था कि रूस ने यूक्रेन के अलावा किसी और देश को टारगेट किया हो. लेकिन अब रूस बार-बार यूरोपीय देशों को चेतावनी दे रहा, कि वह यूक्रेन की मदद न करे. हालांकि यूरोपीय देशों ने भी यूक्रेन की मदद करने की कसम खाई है. जानकारों का कहना है कि रूस ऐसा कर इन देशों की एकता को परखना चाहता है, जो उसे आगे की रणनीति बनाने में मदद करेगी.
हालांकि यूरोपीय देशों के यूक्रेन का साथ देने की एक ये भी वहज है कि वो मानते है कि रूस यूक्रेन पर हमले के बाद अपने आक्रमण का दायरा यूरोपीय देशों तक बढ़ा सकता है.
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