Rani Mukerji ने राष्ट्रीय पुरस्कार अपने दिवंगत पिता को किया समर्पित, कहा- ‘ये उनका सपना था’

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Rani Mukerji: बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस रानी मुखर्जी को उनके शानदार अभिनय के लिए पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें यह पुरस्कार फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ में उनके प्रभावशाली अभिनय के लिए मिला. इस फिल्म में रानी ने एक ऐसी भारतीय मां का किरदार निभाया, जो अपने बच्चों को वापस पाने के लिए एक विदेशी देश की सरकार से अकेले संघर्ष करती है.

Rani Mukerji ने दिवंगत पिता को किया याद

इस खास मौके पर रानी मुखर्जी ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, ”यह सम्मान मेरे लिए बेहद खास है क्योंकि यह मेरे अभिनय सफर के तीस साल पूरे होने पर मिला है. मैं इसे अपने दिवंगत पिता राम मुखर्जी को समर्पित करना चाहती हूं, क्योंकि यह उनका सपना था.” रानी ने भावुक होकर कहा, ”मैं आज उन्हें बहुत याद कर रही हूं. मुझे लगता है कि यह उनकी दुआओं और मेरी मां की प्रेरणा का ही असर है कि मैं यह किरदार निभा पाई.”

 

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एक सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म

फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है. यह 2011 में नॉर्वे में रहने वाले एक भारतीय दंपति सागरिका चक्रवर्ती और अनुरूप भट्टाचार्य की कहानी है, जिनके बच्चों को नॉर्वे सरकार ने जबरन अलग कर दिया था. इस कहानी ने दुनियाभर में एक बहस छेड़ दी थी और मां के संघर्ष को एक नई पहचान दी थी. रानी ने इस भूमिका को निभाते समय कहा कि यह उनके लिए बेहद निजी अनुभव था, क्योंकि वे खुद एक मां हैं और इस किरदार से वे दिल से जुड़ गई थीं.

कोविड महामारी के कारण आईं मुश्किलें

रानी ने कहा, “इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कोविड महामारी के कारण कई मुश्किलें आईं, लेकिन पूरी टीम ने दिल से मेहनत की. मैं फिल्म की निर्देशक आशिमा छिब्बर और निर्माता निखिल आडवाणी, मोनिशा आडवाणी और मधु भोजवानी का धन्यवाद करती हूं. यह पुरस्कार पूरी टीम की मेहनत का नतीजा है.” उन्होंने आगे कहा, ”मेरे फैंस हमेशा मेरे साथ रहे हैं, चाहे अच्छा समय हो या बुरा. उनका प्यार और विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है. मुझे खुशी है कि यह अवॉर्ड उन्हें भी बहुत खुशी दे रहा है.” उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की जूरी का आभार जताते हुए कहा, ”इस फिल्म के जरिए मैंने मातृत्व की भावना और एक मां की ताकत को दिखाने की कोशिश की है. यह पुरस्कार दुनिया की उन सभी माताओं को समर्पित है, जो हर दिन अपने बच्चों के लिए अनगिनत बलिदान देती हैं.”

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