मूडीज रेटिंग्स ने भारत की लॉन्ग-टर्म लोकल और फॉरेन करेंसी इश्यूअर रेटिंग्स तथा लोकल करेंसी सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग को बीएए3 पर यथावत बनाए रखा है. इसके साथ ही, ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने भारत के लिए आउटलुक को ‘स्थिर’ बनाए रखा है. मूडीज के मुताबिक, बीएए3 रेटिंग और स्थिर आउटलुक इस विश्वास को दर्शाते हैं कि भारत की कर्ज चुकाने की वर्तमान क्षमताएं मजबूत बनी रहेंगी. इसमें देश की बड़ी और तेज़ी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था, मज़बूत बाहरी संतुलन और चालू वित्तीय घाटे के लिए स्थिर और विश्वसनीय घरेलू फंडिंग शामिल है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अमेरिका की ओर से लगाए गए हाई टैरिफ का नजदीक अवधि में भारत की आर्थिक ग्रोथ पर सीमित प्रभाव पड़ेगा. रेटिंग एजेंसी ने कहा, हालांकि, यह उच्च मूल्यवर्धित निर्यात विनिर्माण क्षेत्र विकसित करने की भारत की महत्वाकांक्षाओं में बाधा उत्पन्न करके मध्यम से लंबी अवधि में संभावित वृद्धि को बाधित कर सकता है. इसके अतिरिक्त, एजेंसी को यह भी उम्मीद नहीं है कि अन्य अमेरिकी नीतिगत बदलाव वर्कर्स के रेमीटेंस या भारत के सेवा निर्यात पर महत्वपूर्ण रूप से प्रभाव डालेंगे, जिनमें एच1बी वीजा के लिए नए आवेदन और विदेशों में परिचालन आउटसोर्स करने वाले अमेरिकी व्यवसायों पर संभावित शुल्क शामिल हैं.
यह कारक भारत को प्रतिकूल बाहरी रुझानों के प्रति लचीलापन प्रदान करती हैं. नोट में बताया गया कि भारत की ऋण क्षमता, राजकोषीय पक्ष की दीर्घकालिक कमजोरियों से संतुलित होती है, जो आगे भी बनी रहेंगी. मजबूत जीडीपी वृद्धि और क्रमिक राजकोषीय समेकन से सरकार के उच्च ऋण भार में बहुत ही मामूली क्रमिक कमी आएगी और यह कमजोर ऋण सामर्थ्य में भौतिक रूप से सुधार करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा, खासकर जब निजी उपभोग को बढ़ावा देने के हालिया राजकोषीय उपाय सरकार के राजस्व आधार को कम कर रहे हैं.
इससे पहले, रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा था कि डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 50% टैरिफ से भारत की आर्थिक वृद्धि दर में करीब 0.3% अंकों की गिरावट आ सकती है. हालांकि, एजेंसी ने यह भी माना कि भारत की मजबूत घरेलू मांग और सेवा क्षेत्र की मजबूती इस नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक संतुलित करने में सक्षम होगी.
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