दक्षिण कोरिया की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने मंगलवार को घोषणा की कि वह भारत में स्थित अपनी सहायक कंपनी में आईपीओ के माध्यम से लगभग 15% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. कंपनी ने बताया कि इस इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की प्रक्रिया अगले महीने की शुरुआत में पूरी होने की उम्मीद है.साउथ कोरियाई न्यूज एजेंसी योनहाप ने इंडस्ट्री सूत्रों के हवाल से बताया कि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड के आईपीओ का साइज 1.28 अरब डॉलर (करीब 11,300 करोड़ रुपए) हो सकता है.
बिक्री की तारीख और मूल्य निर्धारण का विवरण अभी तय नहीं
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने कहा कि उसके बोर्ड ने आईपीओ प्रक्रिया के तहत सहायक कंपनी में 15% हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है. हालांकि, बिक्री की तारीख और मूल्य निर्धारण का विवरण अभी तय नहीं किया गया है. कंपनी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को अपनी अंतिम सिक्योरिटीज रिपोर्ट प्रस्तुत करने की योजना बना रही है. सेबी की अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद यह पेशकश पूरी होने की उम्मीद है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने प्रारंभिक लिस्टिंग आवेदन जमा करके दिसंबर में आईपीओ प्रक्रिया शुरू की थी और मार्च में सेबी से सशर्त स्वीकृति प्राप्त की थी.
भारतीय इकाई की लिस्टिंग से LG इलेक्ट्रॉनिक्स की वित्तीय स्थिति होगी और मजबूत
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस सहित कई विश्लेषकों ने कहा है कि भारतीय इकाई की लिस्टिंग से एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी. प्रेस रिलीज में कहा गया है कि आईपीओ के बाद, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की भारतीय इकाई में हिस्सेदारी 85% रह जाएगी. एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया भारत में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में कारोबार करती है. कंपनी के पास फ्रिज, एसी, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स में मजबूत बाजार हिस्सेदारी है.
उसका मुकाबला टाटा ग्रुप की वोल्टास, गोदरेज, सैमसंग और व्हर्लपूल समेत अन्य कंपनियों से है. भारत में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की बढ़ती मांग ने स्थानीय शेयर बाजार में वैश्विक कंपनियों की रुचि बढ़ा दी है. पिछले साल, अन्य साउथ कोरियाई कंपनी हुंडई मोटर कंपनी ने अपनी भारतीय इकाई की लिस्टिंग के जरिए रिकॉर्ड 3.3 अरब डॉलर जुटाए थे.