भारतीय बाजार से गायब हुए चीनी सामान, स्वदेशी आइटम की बढ़ी डिमांड

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Indian market:नवरात्रि के बाद देशभर में दिवाली की तैयारियां जोरों पर हैं, नवरात्रि से दशहरा तक के दौरान हुई बिक्री में भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. प्रमुख व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, दिवाली 2025 पर देशभर में अनुमानित 4.75 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्डतोड़ खरीदारी हो सकती है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा माना जा रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में त्योहारी खरीदारी 75,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. वहीं, इस दौरान सबसे खास बात ये है कि इस साल चीनी सामान बाजारों से लगभग गायब हो चुका है और उसकी जगह भारतीय स्वदेशी उत्पादों की मांग में जबरदस्त उछाल देखा गया है.

हाल ही में किए गए एक सर्वे से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “स्वदेशी अपनाओ” और ‘वोकल फॉर लोकल’ से लेकर ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ तक का दृष्टिकोण, जिसे देशभर के ग्राहकों ने खुले दिल से अपनाया है. वहीं, पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ती दिवाली की बिक्री ने भी बाजार में सकारात्मक माहौल बनाया है.

पिछली दिवालियों में हुई बिक्री-

2021: ₹1.25 लाख करोड़

2022: ₹2.50 लाख करोड़

2023: ₹3.75 लाख करोड़

2025 का अनुमान: ₹4.75 लाख करोड़

किन चीजों की हो रही है सबसे ज्यादा मांग?

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल त्योहारी बाजार में विभिन्न क्षेत्रों के भारतीय उत्पादों की मांग काफी तेजी से बढ़ी है. चीनी उत्पादों की अनुपस्थिति में घरेलू निर्माताओं और कारीगरों को एक बड़ा मंच मिला है.

इन उत्पादों की मांग सबसे अधिक-

मिट्टी के दीये और मूर्तियाँ

हैंडमेड वॉल हैंगिंग्स और हैंडीक्राफ्ट

पूजन सामग्री और घर की सजावट

FMCG उत्पाद (तेल, साबुन, क्रीम आदि)

इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल सामान

कपड़े, टेपेस्ट्री और रेडीमेड वस्त्र

फर्नीचर और बिल्डर्स हार्डवेयर

खिलौने, किचनवेयर और बर्तन

पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स

मिठाइयाँ और पारंपरिक खाद्य पदार्थ

बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में इन वस्तुओं की बिक्री में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है. इस उछाल से न केवल खुदरा व्यापारी बल्कि छोटे कारीगर, महिला स्वयं सहायता समूह और स्थानीय निर्माता भी लाभान्वित हो रहे हैं.

बाजारों के क्‍यों गायब हुए चीनी उत्पाद?

देशभर में चीनी उत्पादों के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए गए.

व्यापारियों ने भी खुद पहल करते हुए चीनी आयातित उत्पादों को स्टॉक करना बंद किया.

उपभोक्ताओं ने भी स्थानीय निर्माताओं को प्रोत्साहित करते हुए स्वदेशी विकल्पों को प्राथमिकता दी.

भारत सरकार की नीतियों और आयात पर लगे विभिन्न प्रतिबंधों का भी असर देखा गया.

इन कारणों से चीनी लाइटें, सजावटी सामान, खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स जैसे उत्पाद इस बार बाजारों से गायब हैं, जिनकी पहले दिवाली पर बहुत अधिक बिक्री होती थी.

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