पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तीसरे दिन भी हुई शांति वार्ता, ट्रंप के वादे के बाद भी…

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Pakistan Afghanistan Conflict : वर्तमान में भी पाकिस्तान और उसके पड़ोसी अफगानिस्तान के बीच तीसरे दिन भी घंटों तक वार्ता जारी रही. लेकिन दोनों की बातचीत का अभी तक कोई हल नही निकला. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच यह वार्ता ऐसे समय में हुई है, जब उसके पहले डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संकट को ‘बहुत शीघ्रता से’ सुलझाने का वादा किया था.

दोनों देशों के बीच बातचीत अभी भी जारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के हवाले से बताया कि अभी भी इस्तांबुल में बातचीत जारी है. लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. इस मामले को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि बातचीत जारी है और इसे लेकर अफगान प्रतिनिधिमंडल काबुल में अधिकारियों से बार-बार सलाह-मशविरा कर रहा है. प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान को कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है.

पाक सेना ने किया दावा

खबर सामने आयी है कि तुर्किये सरकार की मेजबानी में हो रही बातचीत की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने गोपनीयता की शर्त पर ये जानकारियां दी हैं. क्योंकि उन्हें मीडिया से बातचीत करने की अनुमति प्राप्त नहीं है. ऐसे में पाक की सेना ने दावा करते हुए कहा कि इंस्ताबुल में प्रतिनिधिमंडलों की बातचीत जारी रहने के बीच उसने सीमा पार से ‘घुसपैठ की दो बड़ी कोशिशों को नाकाम’ करते हुए 25 चरमपंथियों को मार गिराया. उन्‍होंने ये भी बताया कि मुठभेड़ के दौरान पांच पाकिस्तान सैनिक भी मारे गए.

ट्रंप ने मलेशिया में दिया ये आश्वासन

बता दें कि डोनाल्‍ड ट्रंप ने मलेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान कहा था कि उन्‍हें जानकारी मिली है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने शांति प्रयास शुरू किए हैं. ऐसे में उन्होंने आश्वासन दिया कि वह ‘इसे बहुत जल्दी सुलझा लेंगे.’ जानकारी के अनुसार तुर्किये की मेजबानी और कतर की मध्यस्थता में जारी यह ताजा इस्तांबुल वार्ता संघर्षविराम बनाए रखने और व्यापक समझौते तक पहुंचने के उद्देश्य से हो रही है.

दोनों देशों के बीच छिड़ा विवाद

जानकारी के मताबिक, काफी लंबे समय से पाकिस्तान अफगान तालिबान पर यह आरोप लगाता रहा है कि वे पाकिस्तानी आतंकवादियों को अफगान भूमि का इस्तेमाल सीमा पार हमलों के लिए करने देते हैं, जिसको काबुल दृढ़ता से खारिज करता है. इस मामले को लेकर पाकिस्तानी सरकार के किसी प्रवक्ता ने अभी टिप्पणी नहीं की है. वहीं इस्लामाबाद के प्रतिनिधिमंडल ने अफगान तालिबान को सीधे कहा है कि ‘आतंकवादियों को संरक्षण देना पाकिस्तान के लिए अस्वीकार्य है.’

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