भारत बना विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शहद निर्यातक, 1.07 लाख मीट्रिक टन का किया निर्यात

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शहद निर्यातक बन गया है. FY23-24 में देश ने कुल 1.07 लाख मीट्रिक टन शहद का निर्यात किया, जिसकी मूल्यवत्ता 177.55 मिलियन डॉलर रही. यह जानकारी सरकार ने रविवार को साझा की. देश से शहद के निर्यात में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. 2020 में भारत इस सेक्टर में केवल नौवे स्थान पर था, लेकिन अब यह वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन चुका है.
केंद्र सरकार ने वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन के प्रमोशन एवं विकास और गुणवत्तापूर्ण शहद एवं अन्य मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (एनबीएचएम) शुरू किया है. सरकार के बयान के मुताबिक, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) के माध्यम से कार्यान्वित, इस योजना की घोषणा आत्मनिर्भर भारत के बैनर के तहत तीन वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से 2022-23) के लिए 500 करोड़ रुपए के कुल बजट परिव्यय के साथ की गई थी.
इसे अब तीन और वर्षों (FY23-24 से 2025-26) के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों के स्रोत के ऑनलाइन पंजीकरण और पता लगाने के लिए मधुक्रांति पोर्टल शुरू किया गया है. भारत की विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियां मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन में अपार संभावनाएं प्रदान करती हैं. ग्रामीण विकास और कृषि स्थिरता में इसके महत्व को देखते हुए, केंद्र सरकार ने मीठी क्रांति के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन की शुरुआत की.
यह महत्वाकांक्षी पहल वैज्ञानिक और संगठित मधुमक्खी पालन के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शहद उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से शुरू की गई है. मधुमक्खी पालन, ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और भूमिहीन मजदूरों द्वारा की जाने वाली एक कृषि-आधारित गतिविधि है, जो एकीकृत कृषि प्रणाली का एक अभिन्न अंग है. यह परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे फसल की पैदावार और किसानों की आय में वृद्धि होती है, साथ ही शहद और अन्य उच्च-मूल्य वाले मधुमक्खी उत्पाद जैसे मोम, मधुमक्खी पराग, प्रोपोलिस, रॉयल जेली, मधुमक्खी विष आदि प्राप्त होते हैं, जो सभी ग्रामीण समुदायों के लिए आजीविका के महत्वपूर्ण स्रोत हैं.
एनबीएचएम को तीन लघु मिशनों के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। लघु मिशन-I के अंतर्गत, वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को अपनाकर परागण के माध्यम से विभिन्न फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में सुधार पर जोर दिया जा रहा है. लघु मिशन-II मधुमक्खी पालन और मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त उत्पादों के कटाई-पश्चात प्रबंधन पर केंद्रित है। इसमें संग्रहण, प्रसंस्करण, भंडारण, विपणन और मूल्य संवर्धन जैसी गतिविधियां शामिल हैं.
इस मिशन के तहत आवश्यक अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है. वहीं, लघु मिशन-III विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी निर्माण पर केंद्रित है, ताकि मधुमक्खी पालन और संबंधित उत्पादों की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में सुधार हो सके.
Latest News

04 November 2025 Ka Panchang: मंगलवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

04 November 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त...

More Articles Like This