Ghazipur Literature Festival 2025: गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 की शुरुआत शुक्रवार को वाराणसी के होटल द क्लार्क्स में हो गई है. तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन का भारत एक्सप्रेस के सीएमडी और एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय, आचार्य पवन त्रिपाठी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, प्रोफेसर अनिल सोकलाल, केशव तिवारी, जोलानी मकीवा, मैट सिडेलो, श्रीमती निलिस्त्रा सूकलाल, श्रीमती कामिला यूनीक, राज मोहन, रेमोन भगवानदीन ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया.
जैसे ही लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन हुआ सभागार तालियों से गूंज उठा और फेस्टिवल का माहौल पूरी तरह सांस्कृतिक रंगों में डूब गया. यह फेस्टिवल भारत डायलॉग्स और भारत एक्सप्रेस की संयुक्त पहल है. उद्घाटन के दौरान भारत डायलॉग्स की सह-संस्थापक और गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल की डायरेक्टर पूजा प्रियंवदा और फेस्टिवल निदेशक विवेक सत्यमित्रम भी मौजूद रहे.
देश विदेश से कई प्रतिष्ठित मेहमान मौजूद
उद्घाटन सत्र में देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित मेहमान मौजूद रहे. दक्षिण अफ्रीका के भारत में हाई कमीशनर प्रो. अनिल सूकलाल, दक्षिण अफ्रीका के ही प्रतिष्ठित सांस्कृतिक सलाहकार और कवि ज़ोलानी म्किवा, गयाना हाई कमीशन के डिप्लोमैट केशव तिवारी, अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि मैट सिडेलो और कामिला यूनीक, इसके अलावा गिर्मिटिया समुदाय की पहचान रखने वाले कलाकार राज मोहन और रमोएन भगवंदीन विशेष रूप से उपस्थित रहे. इनके साथ ही दक्षिण अफ्रीका से आई निलिस्त्रा सूकलाल भी उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनीं.
भारतीय साहित्यिक जगत की हस्तियां भी हैं मौजूद
भारतीय साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत से भी कई प्रमुख हस्तियां फेस्टिवल में शामिल हुईं. वरिष्ठ साहित्यकार अंजान श्रीवास्तव, जानी-मानी लेखिका नीरजा माधव, लेखक मृत्युंजय सिंह, कवि व्योमेश शुक्ल, भोजपुरी साहित्य की पहचान मनोज भावुक, सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत चतुर्वेदी, और पद्मश्री सम्मानित संगीताचार्य डॉ. राजेश्वर आचार्य उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहे.
बड़ी संख्या में लोग बने इस फेस्टिवल का हिस्सा
सभागार सुबह से ही लोगों से भर गया था. साहित्य और संस्कृति से जुड़ी संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, स्थानीय लोगों और युवाओं की बड़ी संख्या मौजूद रही. उद्घाटन के बाद पहले दिन फेस्टिवल की थीम “जड़ों की ओर” को केंद्र में रखते हुए सभी अतिथियों ने अपने वकतव्य दिये. फेस्टिवल के मुख्य कार्यक्रम 8 और 9 नवंबर को गाजीपुर में आयोजित होंगे, जहां पैनल डिस्कशन, वर्कशॉप, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और गिर्मिटिया विरासत पर विशेष सत्र होंगे.

