देश के मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए सरकार ने 50 से ज्यादा कंपनियों के साथ साइन किए एमओयू

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने भारत के विनिर्माण और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 50 से अधिक कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस पहल का लक्ष्य नवाचार को प्रोत्साहित करना, नए उत्पादों के विकास को बढ़ावा देना और सतत औद्योगिक प्रगति के लिए बड़ी कंपनियों तथा उभरते मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप्स के बीच सहयोग को मजबूत करना है. सरकारी अधिकारी के अनुसार, डीपीआईआईटी मैन्युफैक्चरिंग-केंद्रित इनक्यूबेटरों के निर्माण के महत्व और शुरुआती चरण के उद्यमों के साथ मिलकर काम करने के लाभों पर प्रकाश डालने के लिए कॉर्पोरेट्स, उद्योग संघों, यूनिकॉर्न और क्षेत्र के दिग्गजों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहा है.

मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप्स को सहायता मिलने की उम्मीद

अधिकारी ने कहा, यह स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने और उद्योग को इनक्यूबेटरों और साझेदारियों के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग में इनोवेशन का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है. इन सहयोगों से मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप्स को जरूरी सहायता मिलने की उम्मीद है, जिन्हें अकसर इन्फ्रास्ट्रक्चर, पूंजी और विस्तार के अवसरों तक पहुंच बनाने में कठिनाई होती है. इन्क्यूबेटर स्टार्टअप्स और स्थापित उद्योगों के बीच एक इंटरफेस के रूप में भी काम करते हैं, जिससे बाजार के अवसरों, जोखिम पूंजी और उन्नत तकनीकों तक पहुंच संभव होती है। इन्हें निगमों, शैक्षणिक संस्थानों या अनुसंधान संगठनों द्वारा स्थापित किया जा सकता है.

टीएफएस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

डीपीआईआईटी की यह पहल एक मजबूत और सहयोगात्मक मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर नवाचार और औद्योगिक विकास का केंद्र बनाने के लक्ष्य का समर्थन करती है. इसी कड़ी में, डीपीआईआईटी ने पिछले महीने भारत के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचार को तेज करने और उच्च-विकासशील स्टार्टअप्स की मजबूत पाइपलाइन बनाने के लिए थर्मो फिशर साइंटिफिक (टीएफएस) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. इस साझेदारी का उद्देश्य अगले तीन वर्षों में रणनीतिक सलाह, प्रौद्योगिकी पहुच, मार्गदर्शन और निवेशक संपर्क के माध्यम से 500 से अधिक जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करना है.

समझौता ज्ञापन के तहत, स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत टीएफएस डीपीआईआईटी की पहल भारत स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज (बीएसजीसी) बायोवर्स चैलेंज का शुभारंभ करेगा. यह एक राष्ट्रव्यापी मंच है, जो भारत के सबसे होनहार जैव प्रौद्योगिकी उद्यमियों की पहचान और उनका विकास करने में सहायक होगा. इसके साथ ही, बायोवर्स मेंटर्स सर्किल प्रमुख जैव-इनक्यूबेटरों के सहयोग से स्टार्टअप्स को कौशल विकास और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करेगा.

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