2031 तक भारत में 1 अरब से ज्यादा 5G सब्सक्रिप्शन: एरिक्सन रिपोर्ट में बड़ा अनुमान

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (SMEs) में डिजिटल पेमेंट्स का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है. अक्टूबर माह में इन व्यवसायों के डिजिटल लेनदेन के मूल्य में सालाना आधार पर 44 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है. इसका प्रमुख कारण टियर-2 और टियर-3 शहरों में डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाया जाना है. मर्चेंट SaaS फिनटेक प्लेटफॉर्म मिंटोक द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, उनके प्लेटफॉर्म पर मौजूद 40 लाख से अधिक एसएमई मर्चेंट्स के डेटा के विश्लेषण में सामने आया कि अक्टूबर में लेनदेन की संख्या भी सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़ी है.
टियर 3 शहरों में सबसे ज्यादा वृद्धि देखी गई है, क्योंकि डिजिटल पेमेंट की वैल्यू में 51 प्रतिशत और ट्रांजैक्शन की संख्या में 49 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. घड़ियों और ज्वैलरी में लेनदेन की वैल्यू में 77 प्रतिशत और ग्रोसरी स्टोर्स और सुपरमार्केट्स पर लेनदेन की वैल्यू में 59 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है. रिपोर्ट में कहा गया, टियर 2 और टियर 3 मार्केट ने लगभग हर कैटेगरी में मेट्रो शहरों से बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे स्मार्टफोन की पहुंच बढ़ी, कंज्यूमर का भरोसा मजबूत हुआ और बड़े शहरों के बाहर डिजिटल पेमेंट को लेकर लोगों में आसानी बढ़ी है.
टियर-2 शहरों में डिजिटल पेमेंट वैल्यू में तेज़ी से उछाल देखने को मिला है, जहां सालाना आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इसके मुकाबले टियर-1 शहरों में यह वृद्धि 31 प्रतिशत रही, जो अपेक्षाकृत स्थिर मानी जा रही है. दिलचस्प बात यह है कि आम धारणा के विपरीत किराना और सुपरमार्केट से जुड़े व्यापारी क्विक कॉमर्स की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद काफी मजबूत बने हुए हैं. ग्रोसरी और सुपरमार्केट कैटेगरी में डिजिटल पेमेंट वैल्यू सालाना आधार पर 51 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि लेनदेन की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
ओवरऑल विश्लेषण में यह भी सामने आया कि घड़ियों और ज्वेलरी की कैटेगरी ने सबसे बड़ा उछाल दिखाया है. इस सेगमेंट में डिजिटल पेमेंट वैल्यू सालाना आधार पर 66 प्रतिशत तक बढ़ गई, जो सभी कैटेगरी में सबसे अधिक है. सोने की अधिक कीमतों के बावजूद डिमांड में बढ़त देखी गई, यह नॉन-मेट्रो इंडिया से बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम और एस्पिरेशनल खरीदारी का एक संकेत है. मिंटोक के सीईओ और को-फाउंडर रमन खंडूजा ने कहा, “जब छोटे शहर अधिक ट्रांजैक्शन फ्रीक्वेंसी, लगातार डिस्क्रिशनरी डिमांड और ज्वेलरी जैसी कैटेगरी पर खर्च करने की इच्छा दिखाते हैं, तो यह जमीनी स्तर के असली आत्मविश्वास को दिखाता है.”
Latest News

अब पूरे साल की गिफ्टिंग होगी आसान, 30 नवंबर को भारत मंडपम में लॉन्च होगा Shubhkamnayeh प्लेटफॉर्म

आख़िरी समय पर गिफ्ट खोजने की टेंशन अब खत्म होने वाली है. चाहे जन्मदिन याद न रहे, सालगिरह की...

More Articles Like This