Apple इंडिया सप्लाई चेन: पहले भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्रियों को केवल “स्क्रूड्राइवर शॉप” कहा जाता था, क्योंकि असली पार्ट्स चीन और ईस्ट एशिया से आते थे और यहाँ केवल असेंबली का काम होता था. राहुल गांधी ने भी इस तर्क का इस्तेमाल ‘Make in India’ पर सवाल उठाने के लिए किया था. लेकिन अब स्थिति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है.
असेंबली से आगे बढ़ा Apple
Apple ने भारत में शुरुआत तमिलनाडु और कर्नाटक की असेंबली लाइनों से की थी, जहां Foxconn और Tata Electronics iPhone जोड़ते थे. उस वक्त यह धारणा बनी कि भारत सिर्फ जोड़ने का काम करता है, असली मुनाफा चीन को जाता है. लेकिन अब Apple ने धीरे-धीरे अपना नेटवर्क फैलाना शुरू कर दिया है.
आठ राज्यों में 40 सप्लायर्स
आज Apple की सप्लाई चेन भारत के आठ राज्यों में विस्तृत हो चुकी है. गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में 40 से अधिक कंपनियां Apple को पार्ट्स और मशीनरी सप्लाई कर रही हैं. इनमें Hindalco, Bharat Forge, Wipro PARI, VVDN Technologies और SFO Technologies जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं.
असली वैल्यू एडिशन
ये कंपनियां सिर्फ असेंबली नहीं कर रही हैं, बल्कि कंपोनेंट्स, सब-असेंबली और स्पेशलाइज्ड इक्विपमेंट बना रही हैं. यानी भारत में अब असली वैल्यू एडिशन हो रहा है. कई पार्ट्स तो सीधे Apple की ग्लोबल सप्लाई चेन में जा रहे हैं और दुनिया भर में बिकने वाले iPhones में इस्तेमाल हो रहे हैं.
अब केवल “असेंबली” करने वाला देश नहीं रहा भारत
सच यह है कि भारत अभी भी चिप्स और एडवांस मॉड्यूल्स के लिए आयात पर निर्भर है, लेकिन 40 सप्लायर्स का व्यापक नेटवर्क यह दर्शाता है कि भारत अब केवल “असेंबली” करने वाला देश नहीं रहा. हर नया घरेलू सप्लायर चीन से आने वाले पार्ट्स की जगह ले रहा है और इसके साथ स्किल्ड जॉब्स, R&D गतिविधियाँ और लंबी अवधि का निवेश भी भारत में आ रहा है.

