Free Trade Agreement : भारत ने वैश्विक व्यापार मोर्चे पर एक और बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की है. पीएम मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच हुई टेलीफोन बातचीत के दौरान भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की संयुक्त घोषणा की गई. बता दें कि दोनों देशों के बीच यह समझौता आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाई देगा, बल्कि अमेरिका की संरक्षणवादी व्यापार नीतियों के दौर में भारत की वैकल्पिक वैश्विक साझेदारियों को भी मजबूत करता है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए पर बातचीत की शुरुआत मार्च 2025 में हुई थी, ऐसे में जब प्रधानमंत्री लक्सन भारत दौरे पर आए थे. महज 9 महीनों के रिकॉर्ड समय में इस मुक्त व्यापार समझौते का पूरा होना दोनों देशों की राजनीतिक इच्छाशक्ति और रणनीतिक समझ को दर्शाता है.
समझौते से दोनों देशों को मिलेगी नई गति
इस समझौते को लेकर दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि एफटीए के लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों में मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना किया जाएगा. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, नवाचार और सप्लाई चेन सहयोग को नई गति मिलेगी.
अगले 15 वर्षों में न्यूजीलैंड भारत में करेगा निवेश
जानकारी के मुताबिक, इस समझौते के तहत न्यूजीलैंड अगले 15 वर्षों में भारत में 20 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा. क्योंकि दोनों देशों के बीच यह निवेश कृषि, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, शिक्षा, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में अवसर पैदा करेगा.
भारत का सातवां बड़ा FTA
समझौता पिछले कुछ वर्षों में न्यूजीलैंड के साथ यह भारत का सातवां प्रमुख FTA है. बता दें कि इससे पहले भी भारत ओमान, UAE, यूके, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस और EFTA देशों के साथ ऐसे समझौते कर चुका है. इससे यह साबित होता है कि भारत तेजी से एक भरोसेमंद वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में उभर रहा है.
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