यूएई ने सऊदी अरब से वापस बुलाए अपने सैनिक, कहा- यमनी पक्षों को स्‍वंय करनी चाहिए क्षेत्रीय अखंडता का फैसला

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Saudi Arabia UAE Relation: यमन के रणनीतिक बंदरगाह शहर मुकल्ला पर सऊदी अरब की बमबारी के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने घोषणा की है कि वह सऊदी अरब से अपने सैनिकों को वापस बुलाएगा. यूएई ने यह फैसला ऐसे समय लिया है जब सऊदी अरब ने आरोप लगाया कि यमन पहुंचे एक जहाज के जरिये यूएई से हथियार भेजे गए थे, जिसे निशाना बनाकर हमला किया गया.

सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी अभियानों का हवाला

दरअसल, यूएई के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह सुरक्षा कारणों और आतंकवाद-रोधी अभियानों की प्रभावशीलता को ध्यान में रखते हुए अपने बचे हुए सैन्य कर्मियों को स्वेच्छा से वापस बुलाएगा. साथ ही उन्‍होंने यमन में हथियार भेजने के आरोपों को खारिज किया है. इस दौरान मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यूएई यमन की संप्रभुता का पूरा सम्मान करते हुए वैध सरकार की बहाली और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन कर रहा है. यूएई का कहना है कि मुकल्ला पहुंचे जहाज में हथियार नहीं, बल्कि वहां तैनात यूएई सैनिकों के इस्तेमाल के लिए वाहन थे.

यमन के भविष्य पर यमनी पक्षों का अधिकार: यूएई

बता दें कि यूएई इससे पहले भी कह चुका है कि यमन की शासन व्यवस्था और क्षेत्रीय अखंडता का फैसला यमनी पक्षों को स्वयं करना चाहिए, न कि बाहरी ताकतों को. दरअसल, मंगलवार को यूएई के फुजैरा से रवाना हुआ एक जहाज यमन के मुकल्ला बंदरगाह पहुंचा. इसके कुछ ही समय बाद सऊदी अरब ने मुकल्ला पर बमबारी की. ऐसे में सऊदी अरब का आरोप है कि यह खेप अबू धाबी समर्थित सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) को हथियार देने के लिए भेजी गई थी.

STC और यमनी सेना के बीच बढ़ता टकराव

STC अप्रैल 2017 से दक्षिणी यमन में अलग संप्रभुता की मांग कर रहा है. इसके विपरीत यमनी सेना हद्रामौत ट्राइबल एलायंस के साथ खड़ी है, जिसे सऊदी अरब का समर्थन प्राप्त है. दोनों गुटों के बीच टकराव ने क्षेत्र को और अस्थिर बना दिया है. इस महीने की शुरुआत में STC ने यमन के हद्रामौत और महरा प्रांतों के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया, जिनमें तेल प्रतिष्ठान भी शामिल हैं. इसके बाद से क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है.

सऊदी अरब और यूएई, यमन में मौजूद अलग-अलग राजनीतिक और सैन्य गुटों का समर्थन कर रहे हैं. यह क्षेत्र वैश्विक शिपिंग मार्गों और मध्य पूर्व के प्रमुख ऊर्जा निर्यात क्षेत्र के किनारे स्थित होने के कारण रणनीतिक रूप से बेहद अहम है.

हवाई हमले और अलगाववादियों को चेतावनी

शुक्रवार को सऊदी अरब ने हद्रामौत क्षेत्र में हवाई हमले किए थे. विश्लेषकों के मुताबिक, ये हमले अलगाववादी ताकतों को चेतावनी देने के लिए थे कि वे आगे बढ़ना रोकें और हद्रामौत व महरा प्रांतों से पीछे हटें. हालिया घटनाक्रम ने दक्षिणी यमन में STC की स्थिति को और मजबूत किया है, जिससे उसे भविष्य में यमन संकट के समाधान को लेकर होने वाली किसी भी बातचीत में अधिक प्रभाव मिल सकता है. STC लंबे समय से यह मांग करता रहा है कि किसी भी समझौते में दक्षिणी यमन को आत्मनिर्णय का अधिकार दिया जाए.

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