भारतीय सीमेंट क्षेत्र (Indian Cement Sector) की मांग FY26 में 7-8% तक बढ़ने की उम्मीद है और संरचनात्मक कारकों के कारण यही मांह FY26-29 में 6% CAGR से बढ़ेगी. शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. बीएनपी परिबास इंडिया (BNP Paribas India) की रिपोर्ट में बताया गया है कि कीमतों में तेजी से सुधार हुआ है और मानसून के जल्दी आने के बावजूद कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन मौजूदा स्तरों पर कीमतों की स्थिरता वित्त वर्ष 2026 की लाभप्रदता के लिए महत्वपूर्ण है.
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है भारत का सीमेंट क्षेत्र उत्पादन
विश्लेषक निरांश जैन (Niransh Jain) ने कहा, हमें उम्मीद है कि इंडस्ट्री प्लेयर्स द्वारा लाभप्रदता को प्राथमिकता दिए जाने और उद्योग के निरंतर कंसोलिडेशन के कारण प्राइसिंग पावर में सुधार होगा. भारत का सीमेंट क्षेत्र उत्पादन के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है. हालांकि, हाल के वर्ष नई सप्लाई, कम उपयोग और सीमित मूल्य निर्धारण शक्ति के मामले में चुनौतीपूर्ण रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, हमें लगता है कि साइकल अब बदल रहा है और बेहतर दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रहा है. उद्योग को ओवरसप्लाई की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
मई में 0.7% की हुई वृद्धि
रिपोर्ट में बताया गया है, लेकिन हम उद्योग के कंसोलिडेटेड होने के साथ मांग/आपूर्ति की गतिशीलता में सुधार देख रहे हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, आठ प्रमुख उद्योगों (ICI) के संयुक्त सूचकांक में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में मई में 0.7% की वृद्धि हुई. पिछले महीने सीमेंट, स्टील, कोयला और रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई.
मई में बढ़ी भारतीय सीमेंट सेक्टर की वॉल्यूम
मंत्रालय ने कहा कि फरवरी, मार्च और अप्रैल के लिए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर क्रमशः 3.4, 4.5 और 1.0% देखी गई. आईसीआरए की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सीमेंट सेक्टर की वॉल्यूम मई में सालाना आधार पर 9% बढ़कर 39.6 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है. FY26 के पहले दो महीनों में सीमेंट सेक्टर में सकारात्मक रुझान जारी रहा, जिससे वॉल्यूम 8% बढ़कर 78.7 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में सीमेंट वॉल्यूम में 6.3% की वृद्धि हुई है और कुल उत्पादन 453.0 मिलियन मीट्रिक टन रहा है.