Parivartini Ekadashi 2025: वैसे तो हिंदू धर्म में हर माह पड़ने वाली एकादशी तिथि का महत्व है, लेकिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली परिवर्तनी एकादशी का अपना अलग ही महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में करवट लेते हैं, इसलिए इस एकादशी को परिवर्तनी एकादशी के नाम से जानते हैं. इस साल आज परिवर्तनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा. ऐसे में आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…
Parivartini Ekadashi 2025 आज
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 3 सितंबर को सुबह 3 बजकर 53 मिनट पर हो रही है. तिथि का समापन 4 सितंबर को सुबह 4 बजकर 21 मिनट पर होगा. उदयातिथि मान्यतानुसार परिवर्तनी एकादशी का व्रत 3 सितंबर को रखा जाएगा.
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परिवर्तनी एकादशी शुभ योग
इस साल परिवर्तनी एकादशी पर कई शुभ बन रहे हैं.
- आयुष्मान योग: आयुष्मान योग दीर्घायु और स्वास्थ्य प्रदान करने वाला माना जाता है.
- सौभाग्य योग: ये योग सौभाग्य में वृद्धि करता है.
- रवि योग: सूर्य देव से संबंधित ये योग बहुत प्रभावशाली है. इस योग से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मकता का वास होता है.
क्या है इस एकादशी का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार फिलहाल चातुर्मास का महीना चल रहा है. इस दौरान भगवान विष्णु शयन अवस्या में हैं. भगवान श्रीहरि विष्णु परिवर्तिनी एकादशी के दिन ही निद्रा अवस्था में करवट बदलते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त परिवर्तनी एकादशी का व्रत रख कर इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उनके जीवन से सभी पाप धुल जाते हैं और मृत्यु उपरांत उन्हें बैकुंठ लोक में स्थान प्राप्त होता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)