12 सूर्य मंदिरों में से एक है यह सूर्य मंदिर, कुष्ठ रोग से दिलाता है छुटकारा

Punyark Surya Mandir: भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां लाखों मंदिर स्थित हैं. ये मंदिर अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं. कई ऐसे मंदिर भी हैं जो सनातन धर्म के देवी देवताओं से भी जुड़ाव रखते हैं. हम आपके लिए एक ऐसे ही मंदिरों की सीरीज लेकर आए हैं. इसमें हम आपको प्रतिदिन अनोखे मंदिर, पर्वत समेत दूसरी रहस्यमयी चीजों से रुबरु कराते हैं. आज हम आपको एक अनोखे मंदिर के बारे में बताएंगे. जहां के जल से कुष्ट रोग नष्ट हो जाते हैं. आइए आपको बताते है इस मंदिर के रहस्य और अनकहे सच को.

12 सूर्य मन्दिरो में से एक है पुन्यार्क का सूर्यमंदिर
पंडारक स्थित पून्यार्क सूर्य मंदिर करीब 5000 साल पुराना है. यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के समय का माना जाता है. इसका निर्माण भगवान कृष्ण के वंशज साम्ब ने करवाया था. कहते हैं साम्ब एक ऋषि द्वारा मिले श्राप की वजह से कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गए थे. लाख मिन्नतें करने के बाद ऋषि ने उन्हें श्राप से मुक्त होने का उपाय बताया कि वो सूर्य भगवान की पूजा करें. उनके लिए मंदिरों का निर्माण करवाएं. क्यूंकि सभी देवताओं में भगवान सूर्य ही हैं जिनकी सेवा से शरीर निरोग रहता है. उन्होंने ठीक वैसे ही किया, साम्ब ने देश के 12 जगहों पर भव्य सूर्य मन्दिर बनवाए और मन से भगवान सूर्य की आराधना की. कहा जाता है तब जाकर साम्ब को कुष्ठ से मुक्ति मिली थी. उन्ही 12 मन्दिरो में से एक पुन्यार्क सूर्यमंदिर है.

कई लोगों को मिल चुकी है कुष्ठ रोग से मुक्ति
किवदंतीयों के अनुसार आज से कई वर्ष पहले जहाँ गर्भ गृह मौजूद है वहां विशाल पीपल का पेड़ हुआ करता था. स्थानीय लोगो ने उस विशाल पेड़ को काटना चाहा जब वे उसके जड़ तक पहुंचे वहां से तेज आग की लपटे उठी थी. लोग उसे सूर्य भगवान का तेज मानते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक अब तक कई लोग अपना चर्म रोग लेकर यहां पहुंचे. लगातार श्रद्धा भाव से उन्होंने मंदिर की सेवा और पूजा–अर्चना की और गर्भ गृह से निकलने वाले जल को उस स्थान पर लगाया. इसके बाद उन्हें कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल गई है.

(Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी समान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है, इसकी पुष्टी The Printlines नहीं करता है.)

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