राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की प्रमुख स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत के तहत अब तक 45 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल चुका है. रिपोर्ट में आयुष्मान भारत के दो प्रमुख घटकों प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की उपलब्धियों और प्रगति का विस्तृत विवरण दिया गया है. यह रिपोर्ट वित्त वर्ष 2024-25 से संबंधित है और इसे भोपाल (मध्य प्रदेश) में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान जारी किया गया.
डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव
रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे इन योजनाओं ने भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत किया है और डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. सुनील कुमार बरनवाल (Dr. Sunil Kumar Barnwal) ने इस मौके पर कहा, यह समीक्षा हमारी स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल रूप से बेहतर बनाने और सभी लोगों को समान गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. आयुष्मान भारत योजना की चार मजबूत शाखाएं हैं, जो अब तक देश के 45 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को फायदा पहुंचा चुकी हैं.
डिजिटल नवाचार ही आयुष्मान भारत योजना की सफलता की कुंजी
डॉ. बरनवाल ने आगे कहा, अगर इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी और सफल स्वास्थ्य योजना बनानी है, तो इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्वास्थ्य प्राधिकरणों को डिजिटल तकनीक को तेजी से अपनाना होगा और नई तकनीकी नवाचारों को भी शामिल करना होगा. यह ही इस योजना की सफलता की कुंजी है.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत अब तक 9.19 करोड़ से ज्यादा मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाकर इलाज कराया गया है, जिनका कुल इलाज का खर्च करीब 1,29,386 करोड़ रुपये है.
30 हजार से अधिक अस्पताल जुड़े
इस योजना में देशभर के 30,000 से अधिक अस्पताल जुड़े हैं, जिनमें 55% सरकारी और 45% निजी अस्पताल शामिल हैं. इस योजना से मिलने वाले लाभार्थियों में 82% ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 40.45 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जो करीब 14.69 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचा रहे हैं.
इस कार्ड के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद परिवार बिना किसी आर्थिक बोझ के अस्पतालों में निःशुल्क इलाज प्राप्त कर सकते हैं. डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है.
एबीएचए ऐप का नया संस्करण लॉन्च
इस योजना के तहत अब तक 76.5 करोड़ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) बनाए जा चुके हैं, जिनसे 51.3 करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्ड जोड़े जा चुके हैं. आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) ऐप का तीसरा संस्करण हाल ही में 13 भाषाओं में लॉन्च किया गया है, जिसे अब तक 1.57 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता डाउनलोड कर चुके हैं.
वर्तमान में इस ऐप के माध्यम से रोजाना 2 से 3 लाख टोकन बनाए जा रहे हैं, जो दर्शाता है कि लोग इस डिजिटल स्वास्थ्य सेवा को तेजी से अपना रहे हैं. नए संस्करण में सरल ओपीडी रजिस्ट्रेशन, स्कैन और शेयर फीचर, तथा डिजिटल भुगतान जैसी सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जिससे अस्पतालों में इलाज की प्रक्रिया और भी सहज व सुविधाजनक हो गई है.
आयुष्मान भारत की शिकायत निवारण प्रणाली मजबूत
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत बनाया गया है. अब तक 96% शिकायतें पूरी तरह से सुलझाई जा चुकी हैं. लाभार्थियों की संतुष्टि का स्तर 95% है, जिसमें पीएम-जय योजना के तहत 98% लोगों का अनुभव सकारात्मक रहा है. कॉल सेंटर की सेवा की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है, जिसका औसत स्कोर 87% है.
डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर, किरण गोपाल वास्का ने बताया, डिजिटल स्वास्थ्य सेवा केवल एक तकनीकी उपकरण नहीं है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव है. एबीडीएम इंडेक्स के जरिए जवाबदेही और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बदलाव में अगुआई करनी होगी, ताकि डिजिटल स्वास्थ्य को पूरी तरह से अपनाया जा सके.