स्पिरिट निर्माता एल्कोब्रू डिस्टिलरीज इंडिया लिमिटेड ने FY24-25 में अपनी परिचालन आय में हल्की गिरावट दर्ज की है. कंपनी की आय FY23-24 में जहां 1,640 करोड़ रुपये थी, वहीं FY24-25 में यह 1.52 प्रतिशत घटकर 1,615 करोड़ रुपये रह गई. यह जानकारी कंपनी द्वारा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को सौंपे गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) में दी गई है. हालांकि, राजस्व में मामूली गिरावट देखने को मिली, लेकिन कंपनी का कर-पश्चात लाभ (PAT) बढ़कर 69.45 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 62.55 करोड़ रुपये था.
एल्कोब्रू ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के माध्यम से धन जुटाने की मंजूरी के लिए बाजार नियामक के पास ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए हैं. कंपनी की योजना आईपीओ में 258.26 करोड़ रुपए तक के नए शेयर जारी करना और एक प्रमोटर द्वारा 1.8 करोड़ शेयरों का ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) शामिल है. एल्कोब्रू के IPO में 50% हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB), 15% हिस्सा गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) और शेष 35% खुदरा निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया है.
आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी अपने व्यवसाय विस्तार, कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों की पूर्ति के लिए करेगी. एल्कोब्रू डिस्टिलरीज इंडिया लिमिटेड व्हिस्की, वोदका और रम जैसे मादक पेय उत्पादों के निर्माण, विपणन और बिक्री में सक्रिय है. इसके ब्रांड पोर्टफोलियो में गोल्फर्स शॉट (प्रीमियम व्हिस्की), व्हाइट एंड ब्लू (ब्लेंडेड व्हिस्की), व्हाइट हिल्स (रेगुलर व्हिस्की) और वन मोर (वोदका) शामिल हैं. एल्कोब्रू सोलन, हिमाचल प्रदेश और डेरा बस्सी, पंजाब में डिस्टिलेशन और बॉटलिंग दोनों सुविधाओं के साथ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स संचालित करती है.
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी किया विस्तार
एक मजबूत वितरण नेटवर्क और कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग सुवाधाओं का लाभ उठाते हुए, कंपनी ने पूरे भारत में अपनी उपस्थिति स्थापित की है और साथ ही चुनिंदा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी विस्तार किया है. कंपनी अपने उत्पादों का युगांडा, केन्या, तंजानिया, मोजाम्बिक, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और नेपाल सहित 20 से अधिक देशों में निर्यात करती है. मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स को आईपीओ के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है.