एप्पल की सबसे बड़ी सप्लायर ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत में अपने नए बेंगलुरु प्लांट में आईफोन 17 का उत्पादन शुरू कर दिया है. लगभग 2.8 बिलियन डॉलर (करीब 25,000 करोड़ रुपये) के निवेश से बना यह प्लांट, चीन के बाहर फॉक्सकॉन की दूसरी सबसे बड़ी आईफोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है.
देवनहल्ली स्थित यह नई यूनिट अब फॉक्सकॉन के चेन्नई प्लांट के साथ मिलकर काम कर रही है, जहां पहले से आईफोन 17 का प्रोडक्शन जारी है. खास बात यह है कि पिछले साल भी लगभग इसी समय आईफोन 16 सीरीज़ का स्थानीय उत्पादन, इसके लॉन्च से पहले ही शुरू कर दिया गया था.
Apple का भारत पर बड़ा दांव
एप्पल भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. इस साल कंपनी आईफोन प्रोडक्शन को 6 करोड़ यूनिट तक ले जाने की तैयारी में है, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा 3.5-4 करोड़ यूनिट था.मार्च 2025 को खत्म वित्तीय वर्ष में एप्पल ने भारत में 60% ज्यादा आईफोन असेंबल किए, जिनकी अनुमानित वैल्यू 22 अरब डॉलर रही.
ग्लोबल सप्लाई चेन में बढ़ती भारत की अहमियत
हाल ही में एप्पल के सीईओ टिम कुक (Tim Cook) ने साफ कहा कि भारत कंपनी की ग्लोबल सप्लाई चेन में लगातार अहम हो रहा है. उन्होंने बताया, जून 2025 में अमेरिका में बेचे गए ज्यादातर आईफोन भारत में बने थे.उन्होंने यह भी कहा कि जून तिमाही के दौरान अमेरिका में बिके सभी आईफोन भारत से शिप किए गए थे.
एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अमेरिका में आईफोन की सेल्स 75.9 मिलियन यूनिट तक पहुंची.मार्च 2025 तक भारत से आईफोन का निर्यात 3.1 मिलियन यूनिट रहा.भारत के घरेलू मार्केट में भी एप्पल की मौजूदगी बढ़ रही है. 2025 की पहली छमाही में सप्लाई 21.5% बढ़कर 5.9 मिलियन यूनिट हो गई.
iPhone 16 सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल
इसी दौरान iPhone 16 सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल रहा.सिर्फ जून तिमाही में ही भारत में एप्पल की शिपमेंट 20% बढ़ी, जिससे कंपनी की मार्केट शेयर 7.5% हो गई. हालांकि, अभी भी भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में चीनी कंपनियां आगे हैं. IDC के अनुसार, जून तिमाही में वीवो 19% हिस्सेदारी के साथ पहले नंबर पर रहा. बेंगलुरु प्लांट का लॉन्च एप्पल की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह चीन से बाहर अपने प्रोडक्शन बेस को डाइवर्सिफाई करना चाहता है. साथ ही, भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है.