Ayushman Bharat Yojana: स्वास्थ्य कवर और कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “किसी भी नागरिक को सिर्फ इसलिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित नहीं रहना चाहिए, क्योंकि वह उसकी लागत वहन नहीं कर सकता.”
लाभ और विस्तार
कम समय में ही योजना देश के सबसे कमजोर परिवारों के लिए जीवनरेखा बन चुकी है. यह योजना पूरे देश में लागू है, सिवाय पश्चिम बंगाल के. अगस्त 2025 तक 10.30 करोड़ से अधिक अस्पताल में दाखिलों को स्वीकृति मिली है, जिससे ₹1.48 लाख करोड़ से अधिक का कैशलेस इलाज और जेब खर्च की बचत हुई है.
2022 में लाभार्थी आधार को 12 करोड़ परिवारों तक बढ़ाया गया. मार्च 2024 में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को योजना में शामिल किया गया, जबकि अक्टूबर 2024 से 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भी इसका हिस्सा बने. इसके साथ ही लगभग 1 करोड़ गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी योजना में जोड़ा गया.
आर्थिक राहत और स्वास्थ्य सुधार
योजना ने वित्तीय राहत के साथ बुजुर्गों और स्थानीय स्वास्थ्य कार्यबल को सम्मान और आत्मविश्वास भी दिया. केंद्र और राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का समन्वय लाभार्थियों तक सरल और पारदर्शी तरीके से लाभ पहुँचाने में मदद कर रहा है.
स्वास्थ्य परिणामों पर प्रभाव
लैन्सेट रीजनल हेल्थ स्टडी में पाया गया है कि AB PM-JAY लाभार्थियों में कैंसर का इलाज शुरू होने की दर 30 दिनों के भीतर 90% तक बढ़ी है. वहीं, आर्थिक सर्वे 2021–22 में यह देखा गया कि योजना को अपनाने वाले राज्यों में शिशु मृत्यु दर (IMR) और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
अस्पताल नेटवर्क और डिजिटल स्वास्थ्य
32,913 अस्पताल योजना में पैनल में शामिल हैं, जिनमें 15,103 निजी अस्पताल शामिल हैं. डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली बेनिफिशियरी पहचान, ई-क्लेम, फ्राॅड एनालिटिक्स और राज्यांतर पोर्टेबिलिटी जैसी सुविधाएँ प्रदान करती है.
भविष्य की योजना
पश्चिम बंगाल को शामिल करना, अधिक निजी अस्पतालों को पैनल में जोड़ना, सार्वजनिक अस्पतालों का उन्नयन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से योजना का समन्वय और मजबूत रेफरल प्रणाली सुनिश्चित करना प्राथमिकता होगी. आयुष्मान भारत का उद्देश्य है कि हर भारतीय, आय या भूगोल की परवाह किए बिना, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुँच प्राप्त करे. यह प्रधानमंत्री की दृष्टि, सरकार की प्रतिबद्धता और राष्ट्र की स्वास्थ्य सुरक्षा का प्रतीक बना रहेगा.
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