नवंबर में भारत में रिकॉर्ड 11 अरब डॉलर से अधिक के हुए सौदे: Report

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत में नवंबर 2025 के दौरान डील्स एक्टिविटी में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला. आईपीओ और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट्स (क्यूआईपी) को मिलाकर कुल 270 सौदे दर्ज किए गए, जिनकी कुल वैल्यू 11.4 अरब डॉलर रही. ग्रांट थॉर्नटन भारत की ताज़ा डीलट्रैकर रिपोर्ट के अनुसार, यह अब तक की सबसे अधिक मासिक डील्स संख्या है. यह आंकड़े भारत की अर्थव्यवस्था में निवेशकों के मजबूत भरोसे को दर्शाते हैं, हालांकि बड़े आकार के सौदों की संख्या में कुछ कमी देखने को मिली है.

नवंबर में निजी बाजार में भी हुईं 252 डील्स

इस रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में निजी बाजार में भी 252 डील्स हुईं, जिनकी कुल कीमत 6.7 अरब डॉलर थी. कुल डील्स की संख्या अक्टूबर के मुकाबले 24% बढ़ी, हालांकि डील की वैल्यू में 32% की गिरावट आई. नवंबर में 1.1 अरब डॉलर मूल्य के 99 विलय और अधिग्रहण सौदे (एमएंडए डील्स) हुए हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी मासिक एमएंडए डील्स संख्या है. हालांकि, इस महीने बड़े सौदों की कमी के कारण डील्स की वैल्यू में गिरावट आई.

डील्स में घरेलू सौदों की 85% रही हिस्सेदारी

कुल डील्स में घरेलू सौदों की हिस्सेदारी 85% रही, जबकि आउटबाउंड डील्स 11% पर रही, जो भारतीय कंपनियों की वैश्विक स्तर पर विस्तार की रणनीति को दर्शाती है. नवंबर महीने में प्राइवेट इक्विटी से जुड़े 153 सौदे हुए, जिनकी कुल वैल्यू 5.5 अरब डॉलर रही, जो जून 2022 के बाद की सबसे बड़ी मासिक पीई वैल्यू मानी जा रही है. इस मजबूत प्रदर्शन में बड़े निवेश सौदों का अहम योगदान रहा. इनमें ब्रूकफील्ड इंडिया आरईआईटी का अर्लिगा इकोवर्ल्ड बिजनेस पार्क्स में 1.49 अरब डॉलर का निवेश और टीपीजी राइज क्लाइमेट द्वारा हाइपरवॉल्ट एआई डेटा सेंटर में किया गया 1 अरब डॉलर का निवेश शामिल है.

पिछले महीने की तुलना में धीमी रही IPO गतिविधि

बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट और आईटी सेवाओं जैसे सेक्टरों ने मिलकर कुल प्राइवेट इक्विटी वैल्यू में 80% से अधिक का योगदान दिया. नवंबर में आईपीओ गतिविधि पिछले महीने की तुलना में थोड़ी धीमी रही. 11 आईपीओ ने मिलकर 3.7 अरब डॉलर जुटाए, जबकि 7 क्यूआईपी ने 1.1 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई. कुल मिलाकर, सार्वजनिक बाजार से कंपनियों 4.8 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है, जिसमें खुदरा, बैंकिंग, ऑटोमोटिव और शिक्षा क्षेत्र की कंपनियों का प्रमुख योगदान रहा. खुदरा और उपभोक्ता सेक्टर की कंपनियों ने 47 सौदों के जरिए कुल 341 मिलियन डॉलर का लेनदेन किया. वहीं, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं का क्षेत्र 37 डील्स के साथ 1.6 अरब डॉलर के निवेश के जरिए वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा.

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